ट्रंप सरकार ने पेश किया नया H-1B वीजा बिल
ट्रंप ने 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अस्थायी बैन के फैसले के बाद एक और कड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने दूसरे देशों से अमेरिका में जॉब के लिए आने वाले प्रफेशनल्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अस्थायी बैन के फैसले के बाद एक और कड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने दूसरे देशों से अमेरिका में जॉब के लिए आने वाले प्रफेशनल्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
'हायर अमेरिकन' की अपनी नीति पर चलते हुए ट्रंप ने एच1बी वीजा की शर्तों को सख्त करने के लिए अमेरिकी संसद में बिल रखा है। अगर यह बिल पास हो गया तो भारतीय आईटी प्रफेशनल्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इस कानून के तहत न्यूनतम 1,30,000 डॉलर वेतन वाली नौकरियों के लिए ही ऐसा वीजा दिया जा सकता है।
यह मौजूदा न्यूनतम वेतन स्तर के दोगुना से भी ज्यादा है और इसके लागू होने पर अमेरिकी कंपनियों के लिए अमेरिका में भारत सहित विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल, यह पहल डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी वादों और अमेरिकियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की पहल का हिस्सा है। आपको बता दें इससे पहले 1989 से चले आ रहे कानून के तहत अभी तक यह 60 हजार अमेरिकी डॉलर है। जिसे बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया है। अमेरिकी संसद में जैसे ही यह बिल पेश हुआ, आईटी कंपनियों के शेयर गिर गए।


