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ओडिशा आने के लिए ठुकराया ट्रंप का न्योता : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने के पर राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया

ओडिशा आने के लिए ठुकराया ट्रंप का न्योता : पीएम मोदी
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भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने के पर शुक्रवार को राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया। इससे पहले, उन्होंने एक भव्य रोड शो भी किया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, "अभी दो दिन पहले मैं जी-7 समिट के लिए कनाडा में था। उसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुझे फोन किया और बड़े आग्रह के साथ वाशिंगटन आने का निमंत्रण दिया। मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति से कहा कि निमंत्रण के लिए आपका धन्यवाद, लेकिन मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना जरूरी है। इसलिए मैंने उनका निमंत्रण विनम्रता से मना किया। आपका प्रेम मुझे महाप्रभु की धरती तक खींच लाया है।"

उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है। आज ओडिशा की पहली भाजपा सरकार ने सफलता के साथ एक साल पूरा किया है। यह वर्षगांठ, सिर्फ सरकार की नहीं है, यह सुशासन की स्थापना की वर्षगांठ है। यह एक साल जनसेवा और जन विश्वास को समर्पित है। यह ओडिशा के करोड़ों मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने के ईमानदार प्रयास का एक शानदार वर्ष है। उन्होंने ओडिशा की जनता का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री मोहन माझी और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा सिर्फ एक राज्य नहीं है, यह देश की समृद्ध विरासत का एक उज्ज्वल प्रतीक है। हजारों साल से यह भारतीय संस्कृति की आधारशिला रहा है, जिसने इसकी विकास और जीवंतता में योगदान दिया है। आज जब विकास और विरासत के आदर्श भारत की प्रगति की नींव बन रहे हैं, तो इस यात्रा में ओडिशा का महत्व और भूमिका और भी बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि महाप्रभु के आशीर्वाद से श्री मंदिर से जुड़े विषयों का समाधान भी हो गया है। उन्होंने कहा, "मैं मोहन जी और उनकी सरकार का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने करोड़ों भक्तों के निवेदन का मान रखा। यहां सरकार बनते ही श्री मंदिर के चारों द्वार खोल दिए थे। श्री मंदिर का रत्न भंडार भी खुल गया है।" उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक जय-विजय का विषय नहीं है, यह करोड़ों भक्तों की आस्था का सम्मान करने का कार्य हुआ है।


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