Top
Begin typing your search above and press return to search.

डीएसीए खत्म करने का ट्रंप का फैसला खारिज

अमेरिकी अदालत के एक न्यायाधीश ने अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने वाले बच्चों के निर्वासन से बचाव की नीति से संबंधित डीएसीए को खत्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को अवैध करार दिया

डीएसीए खत्म करने का ट्रंप का फैसला खारिज
X

वाशिंगटन। अमेरिकी अदालत के एक न्यायाधीश ने अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने वाले बच्चों के निर्वासन से बचाव की नीति से संबंधित डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स प्रोग्राम (डीएसीए) को खत्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को अवैध करार दिया।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अवैध आप्रवासी बच्चों के बचाव के लिए डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स प्रोग्राम (डीएसीए) लाया था। इस कार्यक्रम के तहत अवैध आप्रवासी बच्चों के लिए निर्वासन बचाव का प्रावधान है।

अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डीएसीए खत्म का फैसला लिया था।

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट अनुसार, अमेरिका के जिला न्यायाधीश जॉन बेट्स ने मंगलवार को डीएसीए कार्यक्रम को खत्म करने के सरकार के फैसले को हकीकत में बगैर व्याख्या के बताते हुए इसे अवैध करार दिया। हालांकि उन्होंने गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) को इस कार्यक्रम को खत्म करने के बाबत ठोस तर्क पेश करने का मौका प्रदान करते हुए 90 दिन का वक्त दिया है।

बेट्स ने कहा, "डीएसीए को रद्द करने का फैसला मनमाना व स्वेच्छाचारी है क्योंकि विभाग इस निष्कर्ष को बताने में विफल रहा है कि कार्यक्रम अवैध है।"

ट्रंप प्रशासन की ओर से डीएसीए को निष्प्रभावी करने की कोशिशों के खिलाफ फैसला देने वाले बेट्स तीसरे न्यायाधीश हैं।

डीएसीए के तहत बिना दस्तावेज के बचपन में ही अमेरिका लाए जाने वालों को दो साल काम करने का परमिट प्रदान करने का प्रावधान है। साथ ही परमिट के आगे नवीनीकरण का भी प्रावधान है। इस कार्यक्रम के तहत इन बच्चों को निर्वासन से सुरक्षा प्रदान की जाती है। अमेरिका में ऐसे करीब 6,90,000 अवैध आप्रवासी हैं, जिन्हें ड्रीमर या स्वपद्रष्टा कहा गया है।

व्हाइट हाउस द्वारा पिछले साल सितंबर में डीएसीए समाप्त करने की घोषणा किए जाने के बाद न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को के संघीय न्यायाधीशों ने भी ट्रंप प्रशासन को डीएसीए के तहत संरक्षण प्रदान करने वाले नए आवेदनों को स्वीकार करने के आदेश दिए थे।

बेट्स ने लिखा, "हर दिन एजेंसी जो एक दिन की देरी करती है, उससे वे आप्रवासी जो डीएसीए अनुदान लाभ के योग्य हो सकते हैं, उन्हें एजेंसी की गैर-कानूनी कार्रवाई के चलते इससे वंचित होना पड़ता है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it