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सच्चा सामाजिक न्याय तुष्टिकरण से नहीं, संतुष्टिकरण से आता है : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सामाजिक न्याय के नाम पर परिवारवाद की राजनीति करने वालों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सच्चा सामाजिक न्याय तुष्टिकरण से नहीं संतुष्टिकरण से आता है

सच्चा सामाजिक न्याय तुष्टिकरण से नहीं, संतुष्टिकरण से आता है : पीएम मोदी
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बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सामाजिक न्याय के नाम पर परिवारवाद की राजनीति करने वालों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सच्चा सामाजिक न्याय तुष्टिकरण से नहीं संतुष्टिकरण से आता है।

बेगूसराय के उलाव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बिना किसी का नाम लिए परिवारवाद को लेकर कहा कि बिहार ने दशकों तक परिवारवाद का नुकसान देखा है, परिवारवाद का दंश सहा है। परिवारवाद और सामाजिक न्याय, ये एक-दूसरे के घोर विरोधी हैं।

उन्होंने कहा कि परिवारवाद, विशेष रूप से नौजवानों की प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन है। यही वह बिहार है, जिसके पास भारत रत्‍न कर्पूरी ठाकुर की एक समृद्ध विरासत है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार इसी विरासत को आगे बढ़ा रही है।

पीएम मोदी ने बिहार सहित देश के लिए करोड़ों रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास के बाद कहा कि ये योजनाएं भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने का माध्यम बनेंगे। ये परियोजनाएं बिहार में सुविधा और समृद्धि का रास्ता बनाएंगी। ऐसे ही काम हैं, जिसके कारण आज देश, गांव, शहर पूरे विश्‍वास से कह रहा है कि 'अबकी बार, एनडीए 400 पार।'

उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहा है, जब-जब बिहार और पूर्वी भारत समृद्ध रहा है, तब-तब भारत भी सशक्त रहा है। जब बिहार में स्थितियां खराब हुईं, तो देश पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ा। मैं पूरे बिहार की जनता को कहता हूं कि बिहार विकसित होगा, तो देश भी विकसित होगा। ये वादा नहीं है, मिशन है, संकल्प है।

माेदी ने कहा कि पुरानी सरकारों की उदासीनता के कारण बरौनी, सिंदरी, गोरखपुर, रामागुंडम के खाद कारखाने बंद हो गए थे। आज ये सभी कारखाने यूरिया के मामले में भारत की आत्मनिर्भरता का गौरव बन रहे हैं। यही कारण है कि देश कहता है कि मोदी की गारंटी यानी पूरी होने की गारंटी। राष्ट्रहित और जनहित के लिए समर्पित मजबूत सरकार ऐसे ही फैसले लेती है।

उन्होंने जिक्र किया कि बिहार जानता है कि 2014 से पहले के 10 वर्षों में रेलवे के नाम पर रेलवे के संसाधनों को कैसे लूटा गया था, लेकिन आज देखिए, भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।


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