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सच्चे राष्ट्रवादी राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का कभी विरोध नहीं करेंगे : सावंत

कोई भी सच्चा राष्ट्रवादी कभी भारत के राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का विरोध नहीं करेगा। यह बात गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कही

सच्चे राष्ट्रवादी राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का कभी विरोध नहीं करेंगे : सावंत
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पणजी। कोई भी सच्चा राष्ट्रवादी कभी भारत के राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का विरोध नहीं करेगा। यह बात गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कही।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन बाद तटीय राज्य गोवा का दौरा करने वाले हैं। वह गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के समारोह का उद्घाटन करने के लिए अपनी आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं।

सावंत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। उन्होंने विपक्षी पार्टी गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की ओर से राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखकर उन्हें अपनी गोवा यात्रा को रद्द करने की अपील के बाद यह प्रतिक्रिया दी।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मिले आमंत्रण को ठुकरा दें।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति कोविंद गोवा मुक्ति दिवस समारोह में शामिल होंगे। राज्य की भाजपा सरकार पहले ही गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 19 दिसंबर, 2020 से लेकर 19 दिसंबर, 2021 तक विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा कर चुकी है और उसने केंद्र से इसके लिए 100 करोड़ रुपये देने का अनुरोध भी किया है।

गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी ऐसे समय में जश्न का हिस्सा नहीं होगी, जब राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने यह तर्क भी दिया है कि कोविड-19 महामारी और आगामी आर्थिक मंदी के कारण राज्य नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कोविंद को लिखे पत्र में सरदेसाई ने कहा, "समारोह के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का वास्तव में कोई मतलब नहीं है।"

सावंत ने कहा, "गोवा के इतिहास में यह पहली बार है कि राष्ट्रपति गोवा मुक्ति दिवस कार्यक्रम के लिए उपस्थित होंगे। जो लोग सच्चे राष्ट्रवादी हैं और गोवा से प्यार करते हैं, वे कभी राष्ट्रपति से गोवा नहीं आने का आग्रह नहीं करेंगे। हमें राष्ट्रपति का स्वागत करना चाहिए।"

सावंत ने कहा, "जो राष्ट्रवादी हैं, उन्हें भारत के राष्ट्रपति को ऐसे पत्र नहीं लिखने चाहिए। अब उन्हें फिर से आने का आग्रह करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखना चाहिए। हम देश को प्यार करने वाले लोग हैं।"


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