Top
Begin typing your search above and press return to search.

टीआरएस ने विजाग स्टील के निजीकरण के खिलाफ विरोध जताया

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने बुधवार को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम स्टील प्लांट का निजीकरण करने के केंद्र के कदम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया

टीआरएस ने विजाग स्टील के निजीकरण के खिलाफ विरोध जताया
X

हैदराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने बुधवार को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम स्टील प्लांट का निजीकरण करने के केंद्र के कदम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। उद्योग मंत्री और टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने कहा, "यदि जरूरी हुआ तो वे निजीकरण के विरोध में हिस्सा लेने के लिए विशाखापत्तनम जाएंगे।"

केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर टीआरएस नेता ने नरेंद्र मोदी सरकार की खिंचाई की और टिप्पणी की कि "यह सरकार राज्य सरकारों का निजीकरण भी कर सकता है।"

तेलंगाना विधान परिषद के दो स्नातकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 14 मार्च को टीआरएस अभियान के संबंध में एक बैठक को संबोधित करते हुए रामाराव ने कहा, "केंद्र सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के माध्यम से तेलंगाना के बयाराम में एक स्टील कारखाना स्थापित करने और हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करने का वादा किया था।"

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार अब विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की 100 प्रतिशत बिक्री के लिए जाने की कोशिश कर रही है, जिसे लोगों के आंदोलन के माध्यम से हासिल किया गया था। केंद्र के फैसले के विरोध में हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं।"

केटीआर जो रामाराव के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि टीआरएस उनके साथ खड़ा रहेगा।

उन्होंने कहा, "यदि आवश्यक हुआ तो वह मुख्यमंत्री और टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव से अनुमति लेने के बाद विशाखापत्तनम जाएंगे।"

वहीं टीआरएस नेता ने कहा, "तेलंगाना वीएसपी के निजीकरण के विरोध को नजरअंदाज नहीं कर सकता।"

उन्होंने कहा, "आज वह (केंद्र) विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को बेच रहे हैं, कल वे भेल बेच सकते हैं और बाद में सिंगरनेनी। बाद में, वह राज्य सरकारों का निजीकरण का भी सोच सकते हैं। वह कुछ भी कर सकते हैं।"

केटीआर की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब वीएसपी कर्मचारियों ने केंद्र के कदम का विरोध तेज कर दिया है। आंध्र प्रदेश के सभी गैर-भाजपा दल भी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।

वहीं, टीआरएस नेता ने डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया।

उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने ऊंची कीमतों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 'अक्षमता' को जिम्मेदार ठहराया था और कीमतों में कमी लाने का वादा किया था।

केटीआर ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ईंधन की कीमतें दोगुनी हो गई हैं।

उन्होंने कहा, "2014 में एक रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 414 रुपये थी, लेकिन आज कीमत 900 रुपये के पार हो गई है।"

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने केंद्र सरकार को यह भी याद दिलाया, "नरेंद्र मोदी ने हर बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था। इसके बजाय हमें सोशल मीडिया पर 15 लाख झूठ मिले। "


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it