टीआरएस ने कृषि समिति में केसीआर को शामिल न करने की निंदा की
केंद्र द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को कृषि पर बनी उच्चस्तरीय समिति से बाहर रखे जाने के कदम की उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआएस) ने आलोचना की है

हैदराबाद। केंद्र द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को कृषि पर बनी उच्चस्तरीय समिति से बाहर रखे जाने के कदम की उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआएस) ने आलोचना की है। टीआरएस का मानना है कि केसीआर को बाहर रखना केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार का राजनीतिक फैसला है।
के.चंद्रशेखर राव, केसीआर के नाम से लोकप्रिय हैं।
टीआरएस का मानना है कि देश को केसीआर के दृष्टिकोण और कृषि को बदलने में उनके विचारों से लाभ हो सकता है, क्योंकि केंद्र पहले से ही किसानों को निवेश सहायता प्रदान करने के लिए उनकी 'रायथु बंधु' योजना की नकल कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों की नौ सदस्यीय समिति बनाई। यह समिति किसानों की आय बढ़ाकर कृषि में बदलाव लाने में सहायता करेगी। इस समिति के अध्यक्ष महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं।
इस समिति में कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इस समिति से कृषि में बदलाव लाने के लिए नीतिगत उपायों की रिपोर्ट दो महीने में जमा करने को कहा गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद भी इस समिति के सदस्य हैं।
टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने आईएएनएस से कहा, "अगर वे राज्य में कृषि के विकास के लिए केसीआर के प्रयासों की सराहना नहीं करते तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है, उनका योगदान केंद्र में भी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रायथु बंधु जैसी तेलंगाना की योजनाओं का नकल करने के बाद भी वे नहीं सोचते कि उनके अनुभव व दृष्टिकोण की देश को जरूरत है।"


