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गुलाबी ठंड के साथ बढ़ी किसानों की परेशानी

हरियाणा में छाये स्माग से बारिश ने राहत दिलाई तथा बूंदाबांदी से गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी

गुलाबी ठंड के साथ बढ़ी किसानों की परेशानी
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जींद । हरियाणा में छाये स्माग से बारिश ने राहत दिलाई तथा बूंदाबांदी से गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। इससे किसानों की चिंता भी बढ़ गई है।
हजारों क्विंटल धान व कपास बाहर पड़ी हुई है तो खेतों में धान तथा कपास का कार्य भी अंतिम दौर में है। बूंदाबांदी से अधिकतम तापमान में नौ तथा न्यूनतम तापमान में एक डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। हवा की तेज गति दिनभर ठंड का अहसास करवाती रही। आकाश में बादलों का आवागमन भी जारी रहा। जिसके चलते बूंदाबांदी के आसार बने रहे।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते बादल छाये रहेंगे और बूंदाबांदी के आसार भी बने रहेंगे और तापमान में गिरावट जारी रहेगी। वीरवार को अधिकत्तम तापमान 22 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री दर्ज किया गया। आकाश में बादल छाये रहे, हवा की गति 14 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। जबकि मौसम में आद्रता 79 प्रतिशत बनी रही। वीरवार को दिन का आगाज बूंदाबांदी व ठंडी हवा के साथ हुआ। सूर्य तथा बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा । दिन चढऩे के साथ हवा की गति तेज होती चली गई। बुधवार को अधिकत्तम तापमान 31 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 18 डिग्री था। वीरवार को अधिकत्तम तापमान नौ डिग्री तथा न्यूनतम तापमान एक डिग्री तक लुढ़क गया। बूंदाबांदी व बादलों के छाने, तापमान में गिरावट व हवा की तेज गति लगातार ठंड का अहसास करवाती रही।
मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की बढ़ाई परेशानी

हालांकि धान कटाई तथा कढ़ाई का सीजन अंतिम दौर में है। मंडियों तथा खेतों में धान व कपास की फसल पड़ी हुई है। कुछ स्थानों पर धान कटाई तथा झड़ाई का कार्य जोरों पर है। मौसम के बदले मिजाज के साथ हुई बूंदाबांदी ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है। किसानों का कहना है कि अगर एक सप्ताह तक बारिश न हो तो वे अपनी फसलों को समेट लेंगे। अब बूंदाबांदी तथा मौसम के तेवरों से धान कटाई, झड़ाई, कपास चुगाई का कार्य प्रभावित हो गया है। अगर ल बे समय तक मौसम का मिजाज खराब रहता है तो रबी फसल की बिजाई भी देरी से हो पाएगी।

पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. यशपाल मलिक ने बताया कि बूंदाबांदी के बाद ठंड ने दस्तक दे दी है। रबी फसल बिजाई के लिए अच्छा समय है। आगे तापमान में और गिरावट होगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे जल्द से जल्द अपनी फसलों को समेट लें। कृषि विभाग द्वारा सवा लाख हेक्टेयर गेहूं बिजाई का लक्ष्य रखा गया है। 25 नवंबर तक गेहूं बिजाई का समय सही माना गया है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते आगे मौसम में उतार चढ़ाव रहने की संभावना है।


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