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त्रिपुरा: चुनावों से पहले पुलिस ने 10 देसी बम किए बरामद, एक को किया गिरफ्तार

त्रिपुरा के रामनगर निर्वाचन क्षेत्र के गोलचक्कर इलाके से शनिवार की रात बरामद किए गए 10 देशी बमों को रविवार को निष्क्रिय कर दिया गया

त्रिपुरा: चुनावों से पहले पुलिस ने 10 देसी बम किए बरामद, एक को किया गिरफ्तार
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अगरतला 12 फरवरी: त्रिपुरा के रामनगर निर्वाचन क्षेत्र के गोलचक्कर इलाके से शनिवार की रात बरामद किए गए 10 देशी बमों को रविवार को निष्क्रिय कर दिया गया लेकिन बमों की बरामदगी से आस-पास के इलाकों में तनाव व्याप्त है। इस संबंध में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान राजधानी अगरतला के सीमावर्ती राजनगर निवासी आमिर हुसैन के रूप में हुई है।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ-सदर) अजॉय कुमार दास ने कहा कि जांच जारी है और दोषियों पर जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस गैर-घातक बमों के स्रोत की तलाश कर रही है और माना जा रहा है कि इन्हें इलाके में तनाव पैदा करने के लिए इकट्ठा किया गया होगा।
बमों की बरामदगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के तुरंत बाद और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के आगमन से कुछ घंटे पहले हुई थी। इस बरामदगी ने पूरे शहर में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
पुलिस रिपोर्टों के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की चुनावी रैली के तुरंत बाद शनिवार रात मजलिशपुर निर्वाचन क्षेत्र के रानीरबाजार इलाके में कम से कम पांच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थकों को बेरहमी से पीटा गया और पार्टी कार्यकर्ताओं के कई घरों में आग लगा दी गई। श्री सरमा निवर्तमान सरकार के सूचना मंत्री सुशांत चौधरी के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित किया था।
माकपा नेता पबित्रा कर ने आरोप लगाया,“असम के मुख्यमंत्री और श्री सुशांत चौधरी ने भाजपा की हार के डर से अपने कार्यकर्ताओं को विपक्षी दलों के खिलाफ भड़काया है। इससे पहले, कई मौकों पर, मंत्री को हिंसा में शामिल पाया गया है और उनके नेतृत्व में, चुनाव घोषणा के दिन उनके निर्वाचन क्षेत्र में तीन जगहों पर कांग्रेस की रैली पर हमला किया गया जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अजॉय कुमार के साथ 30 लोगों पर हमला किया गया था। लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग (ईसीआई) श्री चौधरी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।”
बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के बदमाशों ने पास के खैरपुर इलाके में माकपा की जनसभा में गड़बड़ी की और केंद्रीय बलों ने स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित किया लेकिन स्थानीय पुलिस की ओर से उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग त्रिपुरा में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने का आश्वासन देता रहा है, लेकिन जमीनी स्थिति इसके विपरीत संकेत दे रही है।अधिकांश क्षेत्रों में चुनाव मशीनरी सत्तारूढ़ भाजपा के लिए खुले तौर पर काम कर रही है और विपक्षी कार्यकर्ताओं को लगातार धमकाया जा रहा है।
माकपा नेता ने कहा,“हम सूचीबद्ध अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, खासकर मजलिसपुर, मोहनपुर, खैरपुर, सूर्यमणिनगर, सोनमुरा, विशालगढ़, बेलोनिया और हृश्यमुख निर्वाचन क्षेत्रों में तथा उन क्षेत्रों के कमांडिंग पुलिस अधिकारियों को बदलने की मांग कर रहे हैं लेकिन चुनाव अधिकारी भाजपा के दबाव के बाद मामलों की अनदेखी करते पाए जाते हैं।”


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