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त्रिपुरा सरकार ने ई-रिक्शा के पंजीकरण की समय सीमा एक महीना बढ़ायी

विप्लव कुमार देव ने शनिवार रात ई-रिक्शा की पंजीकरण की समय सीमा एक महीना बढ़ाने की घोषणा की और प्रशासन को प्रक्रिया पूरी होने तक उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया

त्रिपुरा सरकार ने ई-रिक्शा के पंजीकरण की समय सीमा एक महीना बढ़ायी
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अगरतला । गैर पंजीकृत ई-रिक्शा चालकों की ओर से बढ़ते दबाव के कारण त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने शनिवार रात ई-रिक्शा की पंजीकरण की समय सीमा एक महीना बढ़ाने की घोषणा की और प्रशासन को प्रक्रिया पूरी होने तक उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया।

‘मोटर वाहन अधिनियम’ के प्रावधानों के अनुसार त्रिपुरा सरकार ने ई-रिक्शा और ई कार्ट्स का पंजीकरण और बीमा करवाना अनिवार्य कर दिया है तथा इसके लिए निर्धारित अवधि 31 जुलाई खत्म होने के बाद प्रशासन ने गैर पंजीकृत ई-रिक्शों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। ज्यादातर ई-रिक्शा चालकों के पास वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण उनका पंजीकरण नहीं हो पाया था जिसकी वजह से प्रशासन ने उनका सड़क पर निकलना बंद कर दिया था।

ई-रिक्शा खरीद के दस्तावेज के बिना पंजीकरण और बीमा करवाने की मांग को लेकर गत तीन दिन से राज्यभर में ई-रिक्शा चालक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन परिवहन विभाग ने उनकी मांग मानने से इंकार कर दिया था। इसी बीच विवेकानंद मालाकार (49) नाम के एक ई-रिक्शा चालक सह मालिक ने शनिवार को अपने किराये के घर में खुदकुशी कर ली, जिसके शव को सड़क पर रखा कर ई-रिक्शा चालकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ई-रिक्शा चालकों ने दावा किया कि उसने यह कदम ई-रिक्शा के पंजीकरण की अनिश्चितता तथा रोजी-रोटी के संकट के कारण उठाया है क्योंकि उसने एक साल में पैसे का भुगतान करने का वादा करके 1.20 लाख रुपये कर्ज पर लिया था, लेकिन छह महीने के भीतर ही प्रशासन ने उसका ई-रिक्शा बंद कर दिया।

इसके बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव डॉ. यू. वेंकटेश्वरलू तथा अन्य नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंधित ‘मोटर वर्कर्स यूनियन’ के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें ई-रिक्शा के पंजीकरण की अवधि एक महीना बढ़ाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे न्यूनतम कागजों के साथ पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करें, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके। इसके बाद रात में विरोध-प्रदर्शन समाप्त हो गया और आज सुबह से ई-रिक्शा आम दिनों की तरह सड़काें पर उतर आये।

मुख्यमंत्री ने आत्महत्या करने वाले ई-रिक्शा चालक के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता राशि तथा गत वर्ष उच्चतर माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा पास करने वाले मृतक के बेटे को नौकरी देने की घोषणा भी की।


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