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त्रिपुरा : 5 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा-माकपा के बीच सीधी टक्कर

Tripura, by-election, BJP-त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को उप चुनाव होने हैं। पांच साल से अधिक समय में पहली बार सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के बीच सीधा मुकाबला होगा

त्रिपुरा : 5 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा-माकपा के बीच सीधी टक्कर
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अगरतला। त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को उप चुनाव होने हैं। पांच साल से अधिक समय में पहली बार सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के बीच सीधा मुकाबला होगा।

अन्य दो विपक्षी दलों, कांग्रेस और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) ने दो विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने और विपक्षी दलों के वोट शेयर के विभाजन को रोकने के लिए वामपंथी उम्मीदवारों के समर्थन का फैसला किया है।

माकपा ने बोक्सानगर सीट पर मिज़ान हुसैन और धनपुर सीट पर कौशिक चंदा को उम्मीदवार बनाया है। सत्तारूढ़ भाजपा बोक्सानगर में तफज्जल हुसैन और धनपुर सीट पर बिंदू देबनाथ को चुनावी मैदान में उतार रही है।

माकपा के मिजान हुसैन और भाजपा के बिंदू देबनाथ पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि चंदा और तफज्जल हुसैन ने इस साल 16 फरवरी में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

त्रिपुरा में तीन मुख्य विपक्षी दलों माकपा, कांग्रेस और टीएमपी ने शनिवार को एक बैठक की और राज्य की दो विधानसभा सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संयुक्त रूप से उपचुनाव कैसे लड़ा जाए, इस पर चर्चा की।

विपक्ष के नेता और टीएमपी के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने कहा कि 5 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में वे विपक्ष के वोटों के बंटवारे को रोकना चाहते हैं और बीजेपी की हार सुनिश्चित करना चाहते हैं।

देबबर्मा ने कहा कि 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 फीसदी वोट मिले, लेकिन वह सत्ता पर बरकरार रही, जबकि विपक्षी दलों को 60 फीसदी वोट मिले थे। फरवरी के चुनावों में, वाम दलों और कांग्रेस ने सीट एडजस्टमेंट तरीके से एक साथ चुनाव लड़ा, जबकि टीएमपी ने अकेले चुनाव लड़ा।

केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट से चुने जाने के कुछ दिनों बाद धनपुर विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से धनपुर विधानसभा सीट खाली थी।

वहीं मुस्लिम बहुल बोक्सानगर विधानसभा सीट मौजूदा माकपा विधायक समसुल हक के निधन के बाद खाली हो गई थी। हक का 19 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। जिस कारण इन दोनों सीटों पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।


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