माकपा और कांग्रेस ने विवादित ट्वीट पर तथागत रॉय को हटाने की मांग की
त्रिपुरा में सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा कांग्रेस ने गुरुवार को हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर प्रदेश के राज्यपाल तथागत रॉय के विवादित ट्वीट के लिए उन्हें पद से हटाने की मांग की
अगरतला। त्रिपुरा में सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा कांग्रेस ने गुरुवार को हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर प्रदेश के राज्यपाल तथागत रॉय के विवादित ट्वीट के लिए उन्हें पद से हटाने की मांग की। रॉय ने सन् 1946 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उस टिप्पणी को ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'हिंदू-मुस्लिम मुद्दे का समाधान बिना गृह युद्ध के नहीं होगा।' मुखर्जी ने ही बाद में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी।
माकपा के राज्य सचिव बिजन धार ने संवाददाताओं से कहा, "राष्ट्रपति को खतरनाक ट्वीट के लिए तथागत रॉय को त्रिपुरा के राज्यपाल के पद से हटा देना चाहिए। अदालत इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ एक दीवानी तथा आपराधिक मामला दर्ज कर सकती है।"
अगले दिन रॉय ने ट्वीट किया कि ट्विटर पर 'कई मूर्खो' ने मुझे गृह युद्ध की वकालत करने को लेकर ट्रोल किया, जबकि 'मैंने गृह युद्ध का उद्धरण दिया था न कि उसकी वकालत की थी।'
त्रिपुरा कांग्रेस के उपाध्यक्ष तापस डे ने कहा कि इस तरह के खतरनाक ट्वीट के बाद रॉय को फौरन पद से हटा देना चाहिए। डे ने संवाददाताओं से कहा, "एक बार फिर साबित हुआ है कि रॉय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं न कि भारतीय संविधान के संरक्षक या राज्यपाल के रूप में।"
संपर्क करने पर रॉय ने आईएएनएस से कहा, "मैंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के उद्धरण का संदर्भ दिया था। अगर लोग समझ नहीं सकते, तो मैं क्या करूं।"
उन्होंने कहा, "मेरा इस्तीफा कोई भी मांग सकता है, मुझे इस संबंध में कुछ नहीं करना है।"
तथागत रॉय ने ट्विटर पर पहली बार विवादित बयान नहीं दिया है। मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के दोषी याकूब मेमन के जुलाई 2015 में जनाजे में शामिल हुए लोगों को 'संभावित आतंकवादी' करार दिया था और कहा था कि 'उनपर नजर रखी जानी चाहिए।'
उसी साल सितंबर में उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, "मेरे धर्मनिरपेक्ष होने को लेकर आपके क्या विचार हैं? मैं हिंदू हूं। मेरा देश भारत हालांकि सन् 1976 से ही धर्मनिरपेक्ष है।" रॉय ने 20 मई, 2015 को त्रिपुरा के 16वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।


