Top
Begin typing your search above and press return to search.

हरदोई के आश्रम में हुए तिहरे हत्याकाण्ड का खुलासा, तीन गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक: मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अपराधी रक्षपाल है ,जिस पर हत्या आदि के कई मामले दर्ज़ है।

हरदोई के आश्रम में हुए तिहरे हत्याकाण्ड का खुलासा, तीन गिरफ्तार
X

हरदोई । उत्तर प्रदेश की हरदोई पुलिस ने मंगलवार को टडियावा क्षेत्र के एक आश्रम में साधु ,उसके बेटे और साध्वी समेत तिहरे हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी साधु के शिष्य और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक अमित गुप्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक सितम्बर को हरदोई के टडियावा इलाके के कुआ मऊ गांव के बाहर आश्रम बनाकर रह रहे साधु हीरादास ,उनके पुत्र चेतराम और साथ रहने वाली साध्वी मीरा दास की हत्या ईंट पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने बताया कि इस सनसनीखेज मामले में आरोपी शिष्य की पत्नी और उससे जब पूछताछ की तो दोनों के बयानों में काफी अंतर मिला। कड़ाई से पूछताछ करने पर आश्रम में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर शिष्य रक्षपाल और साथी संजय और राजीव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियो ने बताया कि आश्रम की 48 बीघा जमीन के लालच में इस घटना को अंजाम दिया गया था।

श्री गुप्ता ने बताया कि मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अपराधी रक्षपाल है ,जिस पर हत्या आदि के कई मामले दर्ज़ है। उन्होंने बताया कि रक्षपाल साल भर पहले आश्रम से तब जुड़ा था जब वह पिछले साल पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद जेल से जमानत पर बाहर आया था। रक्षपाल अपने एक रिश्तेदार के जरिए आश्रम में पहुंचा था और उसके बाद आश्रम के साधु हीरादास का शिष्य बन गया। यह साधू बाबा हीरा दास पर विश्वाश जमकर आश्रम की 48 बीघा जमीन पर वह खेती करने लगा। इस बीच आश्रम के संचालक साधू बाबा हीरा दास को उसके अपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी हुई तो उन्होंने उसे हटाने का मन बना लिया।

उन्होंने बताया कि जैसे ही रक्षपाल को जब आश्रम से हटाने की भनक लगी तो उसने अपने साथ जेल में बंद रहे राजीव और अपने साले संजय के साथ मिलकर साधु बाबा को योजना बनाकर अपने प्रभाव में लेना शुरू किया और 17 अगस्त को एक वसीयतनामा हीरादास को विश्वास में लेकर अपने पक्ष में करा लिया था। वसीयतनामा कराने के बाद से शातिर रक्षपाल आश्रम और जमीन हासिल करने के लिए किसी भी तरह हीरादास ,उनके बेटे और साध्वी को हत्या करने की योजना बनाने लगा। एक बार इन लोगों ने साधू और उनके बेटे की दुर्घटना करा कर मारने की साजिश रची थी, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। उसी दौरान बाबा हीरा दास अपनी सात बीघा जमीन बेचने का प्रयास करने लगे। तब रक्षपाल और उसके साथियों ने बाबा को मारने की साजिश रची और तीनों ने मिलकर ईंट पत्थरों से कुचल कर आश्रम में ही साधू हीरादास , साध्वी मीरदास और साधू के पुत्र नेतराम की हत्या कर दी।

श्री गुप्ता ने बताया कि घटना के बाद मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अन्य लोगो को उनके घर में छोड़कर एक सितम्बर को तड़के आश्रम पहुंच गया और उसके बाद उसने तीनो की हत्या होने का शोर मचाया जिसके बाद ग्रामीणों और गांव के प्रधान भी मौके पर पहुँच गए और ट्रिपल मर्डर की वारदात की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड से जुड़े लोगों से एक-एक करके पूछताछ शुरू की तो रक्षपाल की गतिविधियों पर संदेह हुआ। जिसके बाद उसकी पत्नी से भी पूछताछ की गई दोनों के बयानों में अंतर मिलने पर और सर्विलांस के जरिए रक्षपाल के दोस्त और साले की गतिविधियों को लेकर पुलिस को संदेह हुआ।

उन्होंने बतायाकि पुलिस ने रक्षपाल और उसके साले संजय और उसके दोस्त राजीव को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो इस घटना से पर्दा उठ गया। उन्होंने बताया कि आश्रम और उसकी 48 बीघा जमीन के लालच में रक्षपाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस को अभी इस मामले में इनके मददगार रहे कुछ और लोगों की भी तलाश कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it