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त्रिनिदाद ने नोबेल विजेता को दी श्रद्धांजलि

कैरीबियाई देश के लोग रविवार को उनके राष्ट्रीय आइकन और नोबेल पुरस्कार विजेता वी.एस. नायपॉल के निधन पर शोकसंतप्त थे

त्रिनिदाद ने नोबेल विजेता को दी श्रद्धांजलि
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- पारस रामोतार

पोर्ट ऑफ स्पेन। कैरीबियाई देश के लोग रविवार को उनके राष्ट्रीय आइकन और नोबेल पुरस्कार विजेता वी.एस. नायपॉल के निधन पर शोकसंतप्त थे। देश के अनेक लोगों ने उन्हें दुनिया की महानतम प्रतिभा बताया। नायपॉल का जन्म त्रिनिदाद के चागुआनस शहर में हुआ था। शनिवार को उनका लंदन में निधन हो गया।

देश के तीन अखबारों ने नायपॉल के निधन के की खबर को प्रमुखता से मुख्य पृष्ट पर प्रकाशित किया।

वह कुछ ही दिनों में आने वाली उनकी 86वीं जयंती से पहले ही चल बसे। प्रधानमंत्री कीथ रॉवले ने दिवंगत लेखक की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, "उन्हें जो उचित लगता था उसे अपनी कहानी में बयां करने में वह दृढ़ निश्चयी थे।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "त्रिनिदाद और टोबैगो के इस स्वाभिमानी पुत्र ने साहित्य के क्षेत्र में दुनिया में खुद को आइकन के रूप में स्थापित किया और उनकी विशिष्ट उपलब्धियों से उनकी जन्मभूमि रोशन हुई।"

नायपॉल का कॅरियर 1950 के दशक में आरंभ हुआ और वह जल्द ही अपने कौशल से खुद का विशिष्ट लेखक के रूप में स्थापित किया। 1970 के दशक में उनकी रचनाओं में कैरीबियाई देश में औपनिवेशिक काल के बाद की संस्कृति की झलक दिखी।

पूर्व वित्तमंत्री और विदेश मंत्री का मानना है कि नायपॉल के कार्यो को अंतर्राष्ट्रीय संबंध के विषय में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी रचनाओं में उपनिवेशवाद और नव उपनिवेशवाद पर उनकी चिंताएं देखने को मिलती हैं।

वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के व्याख्यात जेरोम टीलकसिंह ने नायपॉल को प्रतिभाशाली व्यक्ति बताया।

नायपॉल अध्ययन के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए थे। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उनको छात्रवृत्ति मिली थी। 1990 में उनको महारानी ने नाइट की उपाधि प्रदान की। नायपॉल को 2001 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनको इस देश के सर्वोच्च सम्मान त्रिनिटी क्रॉस से भी सम्मानित किया गया था।


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