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तृणमूल बंगाल में राज्यपाल के 'हस्तक्षेप' का मुद्दा संसद में उठाएगी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी खींचतान और भी मुखर हो सकती है

तृणमूल बंगाल में राज्यपाल के हस्तक्षेप का मुद्दा संसद में उठाएगी
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी खींचतान और भी मुखर हो सकती है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के कामकाज में धनखड़ के 'हस्तक्षेप' के खिलाफ संसद में 'मूल प्रस्ताव' लाने पर विचार कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान संसद में राज्यपाल को हटाने की मांग कर सकता है।

हम सर्वसम्मति से सहमत हुए हैं कि बंगाल में राज्यपाल की भूमिका अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है। वह मानवाधिकार आयोग के लिए एक अध्यक्ष नियुक्त करने के मुख्यमंत्री के फैसले पर भी सवाल उठा रहे हैं।

बजट सत्र के लिए तृणमूल की नीतियों पर चर्चा करने के लिए पार्टी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय व अन्य सांसदों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके आवास पर मुलाकात की।

रॉय ने कहा, राष्ट्रपति के विपरीत, राज्यपाल एक मनोनीत व्यक्ति होता है और धनखड़ जिस तरह से दो-तिहाई बहुमत के साथ निर्वाचित सरकार के हर कदम पर हमला कर रहे हैं और सवाल कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि उन्हें इस सरकार को परेशान करने के लिए भेजा गया है।

एक मूल प्रस्ताव लाने पर विचार किया जा रहा है। हमारे संसदीय दल को अभी यह तय करना है कि क्या हम इसे केवल राज्यसभा में या संसद के दोनों सदनों में पेश करेंगे। लेकिन प्रस्ताव राज्यपाल को हटाने के लिए कह सकता है और हो सकता है इस पर मत विभाजन हो। सांसद किस तरह से मतदान करते हैं और यदि प्रस्ताव संसद द्वारा पारित किया जाता है, तो राज्यपाल को हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को बैठक की अध्यक्षता करते समय ममता बनर्जी कथित तौर पर नाखुश थीं। उन्होंने सभी सांसदों से राज्यपाल के खिलाफ संसद में आवाज उठाने को कहा, क्योंकि वह राज्य सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं।


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