तृणमूल सांसद ने चैनल के खिलाफ रखा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को एक हिंदी समाचार चैनल और उसके एंकर के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को एक हिंदी समाचार चैनल और उसके एंकर के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने पिछले सप्ताह संसद में दिए गए भाषण को गलत तरीके से पेश करने के कारण यह प्रस्ताव रखा। मोइत्रा ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा, "सर नियम 225 के तहत मैंने जी टीवी और उसके संपादक सुधीर चौधरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया है।" उन्होंने पहले प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की मगर स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
पिछले हफ्ते भी मोइत्रा ने अपने भाषण में फासीवाद की ओर इशारा करते हुए मोदी सरकार को खूब कोसा। मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने अमेरिका में द्वितीय विश्व युद्ध के प्रलय स्मारक में इन 'फासीवाद के संकेतों' के बारे में पढ़ा था। इस भाषण की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हुई। मगर इसके बाद मोइत्रा पर साहित्यिक चोरी के आरोप भी लगे।
हालांकि अमेरिकी टिप्पणीकार मार्टिन लॉन्गमैन ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। इसके बाद टीएमसी सांसद ने मीडिया को फटकार लगाई।
मोइत्रा ने ट्वीट किया, "इसका कारण यह है कि झूठ जनता को बेचैन करने के कारण बेचा जाता है। क्योंकि अपराधियों को उन शक्तियों द्वारा अशुद्धता की अनुमति दी जाती है।"
इसी के साथ मोइत्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी को टैग करते हुए लॉन्गमैन के स्पष्टीकरण को साझा किया, जिन्होंने दावा किया था कि उनके भाषण के शब्दों में साहित्यिक चोरी हुई है।


