Top
Begin typing your search above and press return to search.

तृणमूल सांसद का दावा, 'नेताजी की सभी फाइलों को अवर्गीकृत किया जाना बाकी'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि से कुछ दिन पहले, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु राय ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने नेताजी के सभी फाइलों को अभी तक अवर्गीकृत(डिक्लासिफाइड)नहीं किया है

तृणमूल सांसद का दावा, नेताजी की सभी फाइलों को अवर्गीकृत किया जाना बाकी
X

नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि से कुछ दिन पहले, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु राय ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने नेताजी के सभी फाइलों को अभी तक अवर्गीकृत(डिक्लासिफाइड)नहीं किया है। साथ ही उन्होंने देश के महान स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ कथित रूप से साजिश रचने के लिए जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय बोस के मामले संसद के अंदर और बाहर भी लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने आईएएनएस से इस मुद्दे पर खुल कर अपना पक्ष रखा।

यहां साक्षात्कार के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।-

प्रश्न : नेताजी के गायब होने के 75 वर्ष बाद, आपको लगता है कि उनके साथ क्या हुआ था, वह हमें पता है?

उत्तर : सालों से सच्चाई बाहर नहीं आने के लिए एक ठोस साजिश रची गई। मैं ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और जापान के गुप्त रखे गए फाइलों को अवर्गीकृत करने की मांग करना चाहूंगा। उन्होंने इसे क्यों नहीं किया? मैं इस सूची में वियतनाम का भी नाम जोड़ना चाहूंगा।

प्रश्न : क्या आप यह सुझाव दे रहे हैं कि नेताजी से संबंधित फाइलों को अवर्गीकृत करने के लिए उन सरकारों को कहना चाहिए?

उत्तर : ब्रिटेन ने कुछ फाइलों को जारी किया था, लेकिन 2000 में वर्गीकृत फाइलों को जारी करने की तिथि 2025 तक बढ़ा दी, जब उन्हें इन फाइलों को अवर्गीकृत करना था। इसलिए इस बात की क्या गारंटी है कि जब 2025 आएगा तो वह इसे 2050 तक नहीं बढ़ा देंगे। 3-4 पीढ़ी के बाद, कोई भी यह जानने में रूचि नहीं लेगा कि नेताजी के साथ क्या हुआ था। यहीं उनका आइडिया है।

प्रश्न : आपके अुनसार इसका समाधान क्या है?

उत्तर : मैंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था। उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि अमेरिका ने बिखरे हुए रिकार्ड का हवाला देकर इसमें अपनी अक्षमता की सूचना दी है। जब हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और जब सारी सूचनाएं एक माउस पर उपलब्ध है, अमेरिका 'बिखरे हुए रिकार्ड' का हवाला देना हास्यास्पद है। ब्रिटेन ने कहा है उन्होंने उन फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है जिसे वह उचित मानते हैं। जापान ने कोई जवाब नहीं दिया है। मैंने सुषमा जी को फिर से सभी विदेशी सरकारों से आग्रह करने के लिए कहा। लेकिन एक सांसद क्या कर सकता है, जब अन्य किसी सांसदों को इससे कोई मतलब नहीं है। किसी भी सांसद की इसमें रूचि नहीं है।

प्रश्न : चलिए अब घर पर आते हैं, भारत ने नेताजी की फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है। इससे बहुत सारी अज्ञात सच्चाई बाहर आई है। क्या आप इससे सहमत नहीं है?

उत्तर : मैं चुनौती देता हूं कि भारत ने नेताजी की सभी फाइलों को अवर्गीकृत नहीं किया है। अभी भी नेताजी से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय और पीएमओ में पड़ा हुआ है।

प्रश्न : आपने साजिश की बात की है। क्या आप इसे विस्तार से बता सकते हैं?

उत्तर : इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) की वजह से भारत आजाद हुआ। आईएनए के कई जवानों को भारत के कैंपों में बंद रखा गया और अन्य को रेड फोर्ट में रखा गया। लोग नेताजी का नारा लगाते हुए इंतजार कर रहे थे। जवाहर लाल नेहरू ने कभी अपने जीवन में लॉ की प्रैक्टिस नहीं की थी, वह तेज बहादुर सप्रू के साथ केवल आईएनए की तरफ दिखने के लिए आईएनएस जवानों को बचाने गए। नेहरू केवल वहां पब्लिसिटी के लिए गए थे। साजिश बहुत पुरानी है। शहनवाज समिति का गठन क्यों किया गया? क्यों पूर्व आईएनए सदस्य द्वारा जांच किया गया? जिस समय जांच हो रही थी, उसे क्यों केंद्र सरकार में उप मंत्री बनाया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it