सोमवार से होगी त्रिलोचन जन्म शतवार्षिकी दो दिवसीय संगोष्ठी
हिंदी कवि त्रिलोचन की जन्म शताब्दी समारोह राजधानी के साहित्य अकादेमी सभागार में सोमवार व मंगलवार आयोजित किया जाएगा

नई दिल्ली। हिंदी कवि त्रिलोचन की जन्म शताब्दी समारोह राजधानी के साहित्य अकादेमी सभागार में सोमवार व मंगलवार आयोजित किया जाएगा।
साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि त्रिलोचन के जीवन और रचना कर्म में कोई अंतर नहीं रहा, सादगी और सहजता के साथ स्पष्ट अभिव्यक्ति उनकी रचनाशीलता की विशेषता रही है।
उन्होंने कहा कि वे जितने अपनी धरती, लोक संस्कृति और परम्परा के जानकार थे, उतने ही शास्त्र के ज्ञाता भी थे और यही मुख्य विशेषता उनकी व्यापक प्रसिद्धि, लोकप्रियता का कारण है।
श्री राव ने बताया कि उनके साहित्य के केंद्र में मनुष्य और उनके संघर्ष रहे, त्रिलोचन ने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य और कविता को नई शक्ति व अर्थवत्ता प्रदान की, उनका साहित्य, भारतीय साहित्य की धरोहर है। दो दिनों संगोष्ठी में देश के प्रख्यात विद्वान सहभागिता करेंगे और संगोष्ठी का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कवि और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य केदारनाथ सिंह करेंगे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रख्यात हिंदी कवि एवं कथाकार रामदरश मिश्र होंगे, प्रख्यात आलोचक और साहित्य अकादेमी के हिंदी परामर्श मंडल के संयोजक सूर्य प्रसाद दीक्षित बीज वक्तव्य देंगे।
कार्यक्रम का पहला विचार सत्र त्रिलोचन का काव्य और उनका सौन्दर्यबोध विषय पर केन्द्रित होगाद्घ इस सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्घ आलोचक राजेंद्र प्रसाद करेंगे। सत्र में अष्टभुजा शुक्ल, गोविन्द प्रसाद, तरुण कुमार और अरविन्द त्रिपाठी अपने आलेख प्रस्तुत करेंगे। दूसरा सत्र त्रिलोचन के गद्य पर केन्द्रित होगा, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात विद्वान् और केन्द्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पाण्डेय करेंगे। इस सत्र में कौशलनाथ उपाध्याय, करुणा शंकर उपाध्याय और आनंद प्रकाश त्रिपाठी के आलेख प्रस्तुत किये जाएंगे। अंतिम सत्र त्रिलोचन के साहित्यिक अवदान पर केन्द्रित होगा।


