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उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी में लहराए तिरंगे

सावन मास के तीसरे सोमवार को मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी निकली

उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी में लहराए तिरंगे
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उज्जैन। सावन मास के तीसरे सोमवार को मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी निकली। इस सवारी में शामिल श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्तिभाव तो पिछली सवारियों जैसा ही था, इसमें देशभक्ति की भी झलक दिखी। कई श्ऱद्धालुओं के हाथों में तिरंगे भी नजर आ रहे थे।

महाकालेश्वर भगवान की श्रावण माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में तीसरे सोमवार को विशिष्ठ संयोग था, क्योंकि आज नागपंचमी पर्व भी था। इस मौके पर सावन मास की तीसरी सवारी में भगवान ने श्री शिवतांडव के रूप में गरूड़ पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए। साथ ही पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर तथा हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।

श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा पूजन संपन्न कराया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के लोकनिर्माण विभाग और उज्जैन के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा उपस्थित थे।

पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा बाबा महाकाल को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चैराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची।

सावन मास के तीसरे सोमवार के मौके पर राज्यसभा में कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पारित किए जाने का उत्साह इस सवारी में भी नजर आया। एक तरफ भक्त भगवा रंग के कपड़े धारण किए थे और झाल-मजीरे बजाए जा रहे थे तो कई भक्त हाथों में तिरंगा थामे हुए थे और जयघोष किए जा रहे थे। आज की सवारी में ईश्वर भक्ति और देश भक्ति का समावेश नजर आया।

रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। पूजन पं.आशीष पुजारी एवं अन्य पुजारियों द्वारा करवाया गया। रामघाट पर पूजन एवं आरती में प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा शामिल हुए। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।


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