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सैन्य अधिकारियों ने बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल ए. डी. एस. औजला ने कोर के सभी रैंकों की ओर से मंगलवार को यहां बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर आयोजित एक भव्य समारोह में कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी।

सैन्य अधिकारियों ने बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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श्रीनगर: चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल ए. डी. एस. औजला ने कोर के सभी रैंकों की ओर से मंगलवार को यहां बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर आयोजित एक भव्य समारोह में कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी।

समारोह में कारगिल युद्ध का संक्षिप्त विवरण साझा किया गया, जिसमें शहीदों के साहस और वीरता की गाथा, धार्मिक प्रार्थना और ऑपरेशन में भाग लेने वाले बहादुर नायकों की याद में पुष्पांजलि अर्पित करना शामिल था।

सेना ने कहा, "चिनार कोर इस ऐतिहासिक दिन पर उन 527 वीर सैनिकों को याद करता है, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया था।"

सेना ने आगे कहा, "हम उन सेवारत सैनिकों और दिग्गजों को भी सलाम करते हैं, जिन्होंने नियंत्रण रेखा के पास खतरनाक ऊंचाई पर कठिन लड़ाई में हिस्सा लिया।"

1999 में इसी दिन पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत के उपलक्ष्य में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना ने कारगिल की ऊंचाइयों से पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए मई 1999 में 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया था।

नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री (पाकिस्तानी नियमित सेना का हिस्सा) के घुसपैठियों ने महत्वपूर्ण श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को खतरे में डालने के प्रयास में इन ऊंचाइयों पर ्अपना कब्जा जमा लिया था।

60 दिनों के युद्ध के बाद, भारतीय सेना ने चिनार कोर के साथ लड़ाई में सबसे आगे पाकिस्तानी सेना पर विजय प्राप्त की थी और उन्हें द्रास, मुशकोह, काकसर और बटालिक की ऊंचाइयों से पूरी तरह से खदेड़ दिया था।

दुश्मन के सामने अदम्य साहस को पहचानते हुए कारगिल युद्ध के वीर योद्धाओं को राष्ट्र के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार चार परमवीर चक्र सहित कई अन्य पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं।


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