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मप्र में जनजातीय वर्ग को बिरसा मुंडा जयंती पर मिलेगी पेसा एक्ट की सौगात : शिवराज

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस पर मध्यप्रदेश जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने जा रहा है

मप्र में जनजातीय वर्ग को बिरसा मुंडा जयंती पर मिलेगी पेसा एक्ट की सौगात : शिवराज
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बांसवाड़ा/भोपाल। मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस पर मध्यप्रदेश जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने जा रहा है।

राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ हिल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित मानगढ़ धाम की गौरव गाथा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

मध्यप्रदेश में इस अवसर पर जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने जा रहा है। जनजातीय भाई-बहन स्वाभिमान के साथ जिएं, इसके लिए अनेक विकास गतिविधियां और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने मानगढ़ के जनजातीय नायकों के सम्मान और उनकी पहचान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रभावी कार्य किया है। नायकों के बलिदान स्थल पर स्मारक बनाने का निर्णय, शहीदों के प्रति वास्तविक श्रद्धांजलि है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शहीदों के पूजन की परम्परा को पुन आरंभ किया गया है। मध्यप्रदेश की धरती पर भी भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह-शंकर शाह जैसे जनजातीय नायकों की स्मृति में स्मारक बनाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के कई शहीद ऐसे थे, जिनका बलिदान सामने नहीं आ पाया। मानगढ़ में गोविंद गुरू ने अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजों की चुनौती को स्वीकार किया और 1500 से अधिक वीरों ने बलिदान दिया। प्रधानमंत्री मोदी का बलिदान स्थल पर स्मारक बनाने का निर्णय अभिनंदनीय है।

मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में जनजातीय भाई-बहन मानगढ़ धाम को प्रणाम करने आए हैं। यह लोग मानगढ़ धाम की माटी से अपने भाल पर तिलक करें और इस बलिदानी माटी को अपने गाँव भी ले जाएं। मानगढ़ धाम बलिदान की धरती है। देश पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सदैव स्मरण किए जाएंगे और पूजे जाएंगे।


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