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जयपुर जिले की 8 सीटों पर त्रिकोणात्मक मुकाबला

राजस्थान विधानसभा चुनाव में बागियों एवं निर्दलीय की वजह से 19 विधानसभा क्षेत्रों में से 8 सीटों पर भाजपा एवं प्रमुख विपक्ष कांग्रेस के साथ त्रिकोणात्मक तथा शेष सीटों पर सीधा मुकाबला होने के आसार हैं

जयपुर जिले की 8 सीटों पर त्रिकोणात्मक मुकाबला
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में जयपुर जिले में बागियों एवं निर्दलीय की वजह से उन्नीस विधानसभा क्षेत्रों में से आठ सीटों पर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं प्रमुख विपक्ष कांग्रेस के साथ त्रिकोणात्मक तथा शेष सीटों पर सीधा मुकाबला होने के आसार हैं।

राजधानी जयपुर में पिछले तीन विधानसभा चुनाव से भाजपा का कब्जा वाले सांगानेर में इस बार भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी नई पार्टी बनाने वाले एवं भाजपा प्रत्याशी के रुप में छह बार विधायक चुने गये घनश्याम तिवाड़ी के इस बार भावापा पार्टी के उम्मीदवार के रुप में चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक एवं त्रिकोणात्मक नजर आ रहा हैं।

सांगानेर में मुख्य मुकाबला श्री तिवाड़ी और भाजपा के प्रत्याशी महापौर अशोक लाहौटी एवं कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पेन्द्र भारद्वाज के बीच माना जा रहा हैं। हालांकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सीताराम सिंघानिया तथा अन्य दलों एवं निर्दलीय सहित कुल 29 प्रत्याशी अपना चुनावी भागय आजमा रहे हैं।

श्री तिवाड़ी सांगानेर से वर्ष 2003 से पिछले चुनाव तक लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं और इससे पहले वह सीकर से 1980 एवं 1985 तथा वर्ष 1993 में जयपुर जिले की चौमू सीट से भाजपा प्रत्याशी के रुप में विधायक विधानसभा पहुंचे तथा राज्य के शिक्षा मंत्री रहे। उनका क्षेत्र में काफी राजनीतिक प्रभुत्व माना जाता है लेकिन इस बार वह नई पार्टी से चुनाव लड़ने तथा कांग्रेस ने उनके समाज के ही श्री भारद्वाज तथा भाजपा ने वैश्य समाज के श्री लाहौटी को चुनाव मैदान में उतारने से मुकाबला रोचक बन गया हैं।

सांगानेर से वर्ष 1977 से 1990 तक विद्या पाठक ने जनता पार्टी एवं भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीता। इसके बाद वर्ष 1993 एवं 1998 के दो चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार इंदिरा मायाराम ने जीते।

इसी तरह शहर की विद्याधर नगर सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में दो बार हार का सामना करने वाले विक्रम सिंह शेखावत के टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद जाने से भाजपा उम्मीदवार एवं विधायक नरपतसिंह राजवी एवं कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल के बीच त्रिकोणात्मक चुनावी मुकाबले की स्थिति बनती जा रही हैं। श्री राजवी 1993 , 2003 से पिछली विधानसभा तक चार बार विधायक चुने गये और चित्तौड़गढ के बाद पिछली बार वह विद्याधरनगर से चुनाव लड़ा और श्री शेखावत को करीब अड़तीस हजार मतों से हराया था। भाजपा उम्मीदवार के रुप में उनका राजनीतिक प्रभुत्व रहा हैं लेकिन इस बार कांग्रेस ने श्री शेखावत की जगह सीताराम अग्रवाल को टिकट दे देने से मामला रोचक बन गया। विद्याधरनगर से बसपा उम्मीदवार मदन लाल बेनीवाल सहित कुल 21 प्रत्याशी अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं।


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