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नेशनल हाइवे के लिए कट गए पेड़, विभाग को जानकारी नहीं रिमांड पर जेल भेज दिया गया

गढ़उमरिया क्षेत्र में राजस्व भूमि पर करीब तीन सौ पेड़ों की अवैध कटाई पर पीओआर दर्ज कर वन विभाग फंस गया

नेशनल हाइवे के लिए कट गए पेड़, विभाग को जानकारी नहीं रिमांड पर जेल भेज दिया गया
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रेंजर पता करवाने की बात कह रहे
रायगढ़। गढ़उमरिया क्षेत्र में राजस्व भूमि पर करीब तीन सौ पेड़ों की अवैध कटाई पर पीओआर दर्ज कर वन विभाग फंस गया। इस मामले में दोषी पर अभी तक कार्रवाई भी नहीं हो सकी और रेंगालपाली सर्किल में ही एक बार फिर से ढाई सौ से अधिक पेड़ों के कटाई का मामले समाने आ गया है। मामला एनएच रोड से जुड़ा हुआ है। ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र से एनएच रोड का निर्माण किया जाना है और इसके लिए पहले सर्वे के बाद करीब 294 पेड़ों की मार्किंग वन विभाग को करने के बाद पेड़ों की कटाई कर उसकी ढुलाई वन विभाग में डीपो में किया जाना था, लेकिन मार्किंग से पहले ही यहां करीब 294 पेड़ों की कटाई हो चुकी है और विभाग को इसका पता ही नहीं है। जहां रेंजर एक ओर पता करवाने की बात कह रहे हैं, तो एनएच विभाग के अधिकारी उतने पेड़ नहीं कटने की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब एनएच के लिए पेड़ों की मार्किंग कर आगे की प्रोसेस के लिए वन विभाग के पास दस्तावेज पहुंचा तो इस बात का खुलासा हुआ।

इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि रेंगालपाली सर्किल में ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र से धानागर रोड में नया एनएच रोड बनाया जाना है। इसके लिए पहले सर्वे के बाद निजी भूमि में जितने पेड़ आ रहे हैं। उन्हें वन विभाग के द्वारा मार्किंग कर उसकी कटाई किया जाना था और उसकी ढुलाई वन विभाग को डीपो में किया जाना था, लेकिन वन विभाग के मार्किंग से पहले ही एनएच रोड बनाने के लिए पेड़ को काट दिया गया और रोड का निर्माण तक करना शुरू कर दिया गया। करीब डेढ़ से दो किमी तक यहां सड़क का निर्माण भी हो गया। बताया जा रहा है कि इस रोड के लिए जब वन विभाग के पास पेड़ की मार्किंग के लिए जब दस्तावेज आया और जब वनकर्मी आगे के प्रोसेस के लिए मौके पर पहुंचे तो मार्किंग से पहले ही पेड़ कटाई और एनएच रोड के निर्माण को देखकर वे हैरत में रह गए और सर्किल प्रभारी से लेकर रेंजर तक अब गोलमोल जवाब दे रहे हैं। अब आगे मामले में गंभीरता से जांच कर आगे की कार्रवाई करने के बजाए इस ओर से विभाग ने अपना ध्यान हटा दिया है। विदित हो कि रेंगालपाली सार्किल में लगातार हो रहे पेड़ कटाई के बाद भी संबंधित दोषी वनकर्मियों पर कार्रवाई करने के बजाए विभाग के उच्चाधिकारी भी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। जो लोगों के समझ से परे है।
पहले भी काटे गए पेड़

विदित हो कि रेंगालपाली सर्किल में पेड़ कटाई का यह पहला मामला नहीं है। भले ही राजस्व व निजी भूमि में पेड़ों की कटाई हुई है, लेकिन मार्किंग से पहले पेड़ कट जाना अपने आप में विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाता है। वहीं गढ़उमरिया क्षेत्र में अवैध कटाई के मामले को भी दबाने के लिए विभाग के अधिकारियों ने पीओआर तो कर दिया, लेकिन मामले में अब तक न आरोपी को पकड़ सके और न लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई।


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