हाथियों के रेस्क्यू सेंटर के नाम पर पेड़ों की कटाई
तमोर पिंगला अभ्यारण में नियमों को ताक में रख पेड़ों की कटाई और रमकोला परिसर में ही आरा से चिराई का मामला तुल पकड़ने लगा है

जरही। तमोर पिंगला अभ्यारण में नियमों को ताक में रख पेड़ों की कटाई और रमकोला परिसर में ही आरा से चिराई का मामला तुल पकड़ने लगा है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा पूरे मामले की शिकायत पर्यावरण एवं वन विभाग नई दिल्ली को करते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने आगामी 21 दिसम्बर को रमकोला में चक्का जाम और कार्यालय घेराव का निर्णय लेते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
गौरतलब है कि रेस्क्यू सेंटर निर्माण के नाम पर नियम कानून को ताक में रख यहां सैंकड़ों पेड़ों को काटने के साथ रमकोला मे स्थित कार्यालय परिसर में ही आरा लगा लकड़ी की चिराई कराने और पटरा चौखट बना इनकी तस्करी करने के आरोप वाईल्ड लाईफ के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगे थे। इसके कई विडियो भी सामने आए हैं लेकिन मामले में अब तक कोई कार्यवाही सामने नहीं आई है। जानकारी के अनुसार एलिफेंट रिजर्व के डीएफओ चंद्रशेखर तिवारी ने अखबारों को बार बार दिए बयानों में कहा है कि उन्होंने इसकी लिखित अनुमति दी है जिस पर ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें यह अधिकार ही नहीं है कि वे अभ्यारण्य क्षेत्र में कटाई की अनुमति दें।
मामला सामने आने के बाद शुरू में तो पूरे विभाग में हड़कम्प मच गया था और कटाई की अनुमति देने वाले सीएफ ने ही आनन फानन में अधीक्षक केरकेट्टा को जांच का जिम्मा दे दिया। सूत्रों की मानें तो इतने बड़े मामले के बावजूद अब तक कार्यवाही नहीं होने का सबसे बड़ा कारण दोषी अधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण माना जा रहा है।
इधर ग्रामीणों का आरोप है कि पेड़ों की कटाई अभी भी हो रही है और परिसर में पहले जैसे ही आरा लगा चिराई भी बड़ी संख्या में कट चुके पेड़ों और चिरान को ठिकाने लगाने का भी काम चल रहा है। इस संबंध में प्रतापपुर के आरटीआई कार्यकर्ता राकेश मित्तल ने पूरे मामले की शिकायत पर्यावरण एवं वन विभाग नई दिल्ली को करते हुए जांच और कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने सीसीएफ वन्य प्राणी केके विशेन सहित अन्य उच्च अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की है।
21 को करेंगे चक्काजाम
तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लकड़ी कटाई और तस्करी के मामले में अब तक कार्यवाही न होने से नाराज ग्रामीणों ने अन्ततरू आन्दोलन करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर के नाम प्रेषित ज्ञापन में बलदेव सिंह कोराम, पारसनाथ, शिवमोहन कोराम, देवशरण, अमृत, कँवलसाय सहित अन्य ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा कि तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लंबे समय से पेड़ों की कटाई कर तस्करी की जा रही है जिसमें विभाग के कुछ अधिकारी-कर्मचारी संलिप्त हैं।
वर्तमान में इनके द्वारा रेस्क्यू सेंटर के निर्माण के नाम पर सैंकड़ों हरे एवं खड़े पेड़ों को काट दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर अब हम आन्दोलन करने बाध्य हैं तथा 21 दिसम्बर को रमकोला में चक्का जाम के साथ तमोर पिंगला कार्यालय का घेराव करेंगे। यदि फिर भी कार्यवाही नहीं तो उग्र आंदोलन करेंगे।


