मप्र में अच्छा काम करने पर हो जाता है तबादला
आम तौर पर सरकार और जनता सरकारी मशीनरी से यही अपेक्षा करती है कि वह बेहतर काम करे
भोपाल। आम तौर पर सरकार और जनता सरकारी मशीनरी से यही अपेक्षा करती है कि वह बेहतर काम करे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नौकरशाहों को अच्छा काम न करने पर कार्रवाई के लिए चेताते रहते हैं, मगर स्थिति अलग है। जो अफसर अच्छा काम करता है, वह उस स्थान से महज कुछ दिनों में ही हटा दिया जाता है।
नया मामला राजधानी के मंगलवारा थाने का है। यहां के थाना प्रभारी सुदेश तिवारी की अगुवाई में पुलिस ने शुक्रवार को दो युवकों को हवाला की 80 लाख की रकम के साथ पकड़ा था। बाद में खुलासा हुआ कि दोनों नागरिक दयानंद सिंगरानी व अशोक पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस बड़ी सफलता पर पुलिस अफसर को शाबाशी मिलना चाहिए, मगर उन्हें सोमवार को इस थाने से हटाकर हनुमानगंज थाने भेज दिया गया। इस कार्रवाई को हवाला की रकम पकड़ने की गुस्ताखी की सजा माना जा रहा है।
तिवारी के तबादले को लेकर सवाल किए जाने पर भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संतोष सिंह ने कहा कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया है, उसी के तहत तिवारी ही नहीं, चार स्थानों के थाना प्रभारी बदले गए हैं।
इससे पहले भी हवाला मामले का कटनी में खुलासा करने पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को हटा दिया गया था। इस मामले में सत्ता और संगठन से जुड़े कई नाम सामने आने की आशंका बनी हुई थी। तिवारी के तबादले के विरोध में जनता सड़कों पर भी उतरी थी।
इसी तरह भोपाल नगर निगम की तत्कालीन आयुक्त छवि भारद्वाज को सिर्फ इसलिए हटाया गया कि उन्होंने डीजल घोटाले पर कार्रवाई की ठान ली थी। इससे पहले भी सीहोर में एक कंपनी पर रेत खनन पर बड़ा जुर्माना लगाने वाले अफसर और एक महिला खनिज अफसर, जिन्होंने प्रभावशाली खनन माफिया पर कार्रवाई की, तो उनका रातोंरात तबादला कर दिया गया।
राज्य के पर्यटन विकास निगम द्वारा सैलानियों को रिझाने के लिए बनाई गई एक विज्ञापन फिल्म 'एमपी अजब है, सबसे गजब है' ने लोगों की खूब वाहवाही लूटी थी। इन दिनों राज्य में भी ऐसा ही कुछ चल रहा है। तभी तो मुख्यमंत्री अच्छा काम न करने पर कार्रवाई की बात कहते हैं, दूसरी ओर जो अच्छा काम करता है, उसका तबादला कर दिया जाता है।


