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मुरैना में माफियाओं पर नकेल कसने वाली महिला अफसर का तबादला, कांग्रेस ने तंज कसा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में अवैध रेत खनन होता है, यहां के मुरैना जिले में वन विभाग की अनुविभागीय अधिकारी ने खनन माफियाओं के खिलाफ मोर्चा संभाला, परिणामस्वरुप उन पर कई बार हमले भी हुए

मुरैना में माफियाओं पर नकेल कसने वाली महिला अफसर का तबादला, कांग्रेस ने तंज कसा
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भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में अवैध रेत खनन होता है, यहां के मुरैना जिले में वन विभाग की अनुविभागीय अधिकारी ने खनन माफियाओं के खिलाफ मोर्चा संभाला, परिणामस्वरुप उन पर कई बार हमले भी हुए, मगर वे तीन माह ही इस इलाके में अपनी ड्यूटी निभा पाइर्ं, अब उनका तबादला कर दिया गया है। इस तबादले पर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। मुरैना में श्रद्धा पंढरे खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के कारण चर्चाओं में है। उन पर तीन माह की अवधि में 11 हमले हुए। अब उनका तबादला बांधवगढ़ रिजर्व कर दिया गया। अपने तीन माह के कार्यकाल में श्रद्धा ने 70 से ज्यादा वाहनों को जब्त किया और 20 को जेल भेजा।

श्रद्धा पंढरे का तबादला होने पर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के काल में भयभीत माफिया प्रदेश से पलायन कर गए थे, वे आज सरकार, मंत्रियों के अघोषित ओएसडी बन उन्हें संचालित कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश अपराधियों का अभ्यारण बन गया है, कानून व्यवस्था चौपट है और माफिया अपनी समानांतर सरकार चला रहे हैं।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि चम्बल इलाके में रेत माफियाओं के खिलाफ मात्र 94 दिनों में 15 हमले सहने वाली आयरन लेडी एसडीओ (वन) श्रद्धा पंढरे का रेत माफियाओं के दबाव मंे तबादला किया गया है। इस तरह के तबादले व निलम्बन आदेश जहां ईमानदार कर्मचारियों व अधिकारियों का मनोबल तोड़ रहे हैं, वहीं यह साबित कर रहे हैं कि सरकार माफियाओं के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुकी है।

वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने महिला अधिकारी के तबादले पर तंज कसते हुए कहा, प्रदेश में अवैध उत्खनन बेरोक टोक जारी, रेत माफियाओं के हौसले बुलंद , तीन माह में रेत माफियाओं के 15 हमले झेल चुकी महिला अधिकारी श्रद्धा का रेत माफियाओं के दबाव में तीन माह में ही मोरैना एसडीओ पद से तबादला। माफिया न गड़ रहे, न टंग रहे और उन्हें रोकने वाले निबट जरूर रहे।


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