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नोएडा में बाल सुरक्षा इकाई के पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला लगी

पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ल की ओर से शनिवार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक गौतमबुद्धनगर पुलिस की महिला और बाल सुरक्षा इकाई के पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

नोएडा में बाल सुरक्षा इकाई के पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला लगी
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गौतमबुद्धनगर (नोएडा)। पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ल की ओर से शनिवार सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक गौतमबुद्धनगर पुलिस की महिला और बाल सुरक्षा इकाई के पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के तीन सत्र चले। प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिसकर्मियों को प्रोफेशनल साइकेट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट द्वारा चाइल्ड रेप के पीड़ितों एवं उनके परिवारजनों की प्रभावी काउंसलिंग में प्रशिक्षण दिया गया, ताकि पुलिस के माध्यम से दी गई काउंसिल से पीड़ित को अपने साथ होने वाले अपराध का आघात कम हो सके एवं उन्हें जीवन में सफल होने का हौसला मिल सके, साथ ही साथ परिवारों को सही काउंसलिंग दी जा सके कि वह इस घटना से जुड़ी लोकलाज का हवाला पीड़ित को न दें और सदैव उसे जिंदगी में कामयाब बनने को प्रेरित करें।

इसके साथ-साथ विशेषज्ञों ने दुष्कर्म पीड़िताओं में पैदा होने वाले

'पोस्ट स्ट्रेस ट्रॉमेटिक डिसऑर्डर' को पहचानने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीड़िताओं की मनोदशा को मात्र पुलिस की काउंसलिंग से नहीं सुधारा जा सकता, उन्हें चिकित्सा उपचार की भी जरूरत होती है।

पुलिसकर्मियों को पूरी जानकारी दी गई कि ऐसे हालात में दुष्कर्म पीड़िताओं को किन सरकारी साइकेट्री सेवाओं को रेफर किया जा सकता है।

यह पूरा प्रशिक्षण गौतमबुद्धनगर पुलिस की नई सेवा पुलिस-सखी की तैयारी में आयोजित किया गया था। इस सेवा के अंतर्गत बाल दुष्कर्म के गंभीर मामलों में पुलिस की एक काउंसलर पीड़िताओं एवं उनके परिवार के साथ जुड़कर काउंसलिंग देंगी। पीड़िता को प्रोफेशनल काउंसलिंग या उपचार की जरूरत होने की स्थिति में पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा को सूचित करेंगी, ताकि ये सेवाएं प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में उपलब्ध करवाई जा सकें। पुलिस विधिक कार्यवाही सुनिश्चत करने के साथ-साथ अब बाल दुष्कर्म पीड़ितओं की मानसिक एवं भावनात्मक स्थिति की ओर भी अपना योगदान देगी।

कार्यशाला के दौरान महिला और बाल संबंधी अपराधों से संबंधित फोरेंसिक साक्ष्यों पर डॉक्टर अंजू रानी, विभागाध्यक्ष, फोरेंसिक मेडिसीन, जिम्स, गौतमबुद्धनगर द्वारा एक सेशन लिया गया और डॉक्टर डीबी ढाका, सीएमएस, गौतबुद्धनगर द्वारा मेडिकल विभाग की सभी सेवाओं से पुलिसकर्मियों को अवगत कराया गया और पीड़िताओं के मेडिकल परीक्षण में आने वाली पुलिस की समस्याएं सुनी गईं।


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