सीमा पर गोली से घायल दिव्यांग जवान ले रहे हैं बागवानी का प्रशिक्षण
देश की सेना सीमा पर प्रहरी की तरह मुस्तैद है जिनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैं, विषम परिस्थिति में सेना के जवान दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहते हैं

ग्रेटर नोएडा। देश की सेना सीमा पर प्रहरी की तरह मुस्तैद है जिनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैं, विषम परिस्थिति में सेना के जवान दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहते हैं, दुश्मनों के कायरता से आए दिन हमारे जवान शहीद हो जाते और कुछ जवान घायल भी होते हैं।
घायलों जवानों अपनी जिन्दगी खुशहाल पूर्वक जी सकें और उन्हें अपने आप पर लाचारी का अनुभव न हो सके।
भारत सरकार दिव्यांग जवानों को सक्षम बनाने के लिए लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि रिटायर होने के बाद निजी और सार्वजनिक संस्थानों में स्वाभिमान पूर्वक अपना जीवनयापन कर सकें। बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, पैरामलिट्री के दिव्यांग को कौशल बनाने के लिए दिव्यांग स्किल डेवलपमेन्ट सेन्टर (डीएसडीसी) द्वारका में स्थापित किया है।
दिव्यांग जवानों को स्किल्ड करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टीकल्चर टेक्नॉलॉजी(आई.एच.टी) बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के दिव्यांग जवानों को चार महीने का बागवानी का प्रशिक्षण दे रहा है। प्रशिक्षण में दिव्यांग जवान धरती को हराभरा करने के लिए बहुत उत्साहित हैं, पर्यावरण संक्षण में जवान प्रशिक्षण के बाद आम लोगों को भी बागवानी से जुड़ने के लिए करेंगे प्रेरित।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीएसएफ के आईजी आईडी. शर्मा व डीआईजी एम.एल. शर्मा अल्फा-एक ग्रेटर नोएडा स्थित टेक्नॉलॉजी पार्क में पहुंच कर जवानों को दिए जा रहे प्रशिक्षण कोल देखकर प्रोत्साहित किया। आईएचटी संस्थान के निदेशक उमेश कुमार कोहली ने जवानों को दिए जा रहे प्रशिक्षण माड्यूल की जानकारी दी।
इस दौरान आईजी ने जवानों को दिए जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी लिया। दोनों अधिकारियों ने आईएचटी के सभागार में तमिलनाडु के किसानों को भी संबोधित किया, उन्होंने किसानों और जवानों से प्रशिक्षण के कोर्स मटेरियल पर चर्चा करते हुए, आईएचटी के प्रशिक्षण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से दोनों का बहुत फायदा होगा, जवान भविष्य में धरती को हरा-भरा रख सकेंगे और अपनी कुशलता में वृद्धि कर सकेंगे। बीएसएफ अपने और दिव्यांग जवानों को भी आईएचटी से प्रशिक्षण दिलाएगा।


