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बच्चों को संस्कारवान बनाने आचार्यो को प्रशिक्षण

संस्कार शाला के माध्यम से बच्चों में नैतिक मूल्यों, जीवन मूल्यों, चरित्र निर्माण का विकास करने व बच्चों को संस्कारवांन बनाने के लिए  आचार्यों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

बच्चों को संस्कारवान बनाने आचार्यो को प्रशिक्षण
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महासमुंद। संस्कार शाला के माध्यम से बच्चों में नैतिक मूल्यों, जीवन मूल्यों, चरित्र निर्माण का विकास करने व बच्चों को संस्कारवांन बनाने के लिए आचार्यों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षक के रूप में देव चंद नायक उपस्थित थे। प्रशिक्षण का शुभारंभ माँ गायत्री के पूजन पाश्चात् भूमि लीना साहू बहनो के युग संगीत से हुआ।

संस्कार शाला की आवश्यकता क्यों, उनके उद्देश्य, मह्त्व तथा संस्कार शाला प्रारंभ के पूर्व क्या-क्या तैयारी करे आचार्य चयन कैसे करे, कक्षाओं का संचालन कैसे हों आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा किया गया।

सप्ताह में किसी एक दिन 2 घंटे का समय निकालकर संस्कार शाला का संचालन किया जा सकता है। प्रशिक्षण में सभी गतिविधियों को प्रायोगिक तौर पर करके दिखाया गया। भारत साहू, खेमिन साहू ने भी प्रायोगिक कक्षा की गतिविधि कराये स कार्यक्रम का संचालन भारत साहूए प्रमुख युवा प्रकोष्ठ ने किया। आभार प्रदर्शन ललित मेश्राम ने किया।

कार्यक्रम मे 15 संस्कार शाला शुभारंभ करने का संकल्प लिया गया। प्रभात उपाध्याय महराज ने सभी आचार्यों का तिलक लगाकर सफल संस्कार शाला संचालन हेतु गुरु सत्ता की ओर से आशीर्वाद दिया। मूलचंद वर्मा ने सभी कार्यकारणीय सदस्यों की जानकारी व उनके जिम्मेदारियों की विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में महासमुंद, अछोला,तुमगांव, गढसिवनी, पचेड़ा मोगरा, बेंमचा, कुर्रुभाठा, मूढेना पटेवा के परिजन उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में ब्लॉक समन्वयक नरेंद्र नायक, श्री मेश्राम, श्री वर्मा, धन्वंतरि सिन्हा, राधे चंद्राकर, अमर साहू, पूरन, गुड्डू, भूखन का विशेष योगदान रहा।


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