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रूस में वायुसेना के 4 पायलटों का प्रशिक्षण शुरू

देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' को साल 2022 में सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए रूस के मॉस्को में स्थित यूरी ए.गागरिन स्टेट साइंटिफिक रिसर्च एंड टेस्टिंग कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर

रूस में वायुसेना के 4 पायलटों का प्रशिक्षण शुरू
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बेंगलुरु । देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' को साल 2022 में सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए रूस के मॉस्को में स्थित यूरी ए.गागरिन स्टेट साइंटिफिक रिसर्च एंड टेस्टिंग कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय वायुसेना के चार पायलटों के प्रशिक्षण की शुरुआत हो चुकी है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इसरो के एक अधिकारी ने बताया, "सोमवार से शुरू हो रहे एक साल तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में इन चार पायलटों को बायोमेडिकल, फिजिकल प्रैक्टिस, सोयूज मैन्ड स्पेसशिप (मॉड्यूल) की बारीक जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा इन्हें विशेष इल्यूशिन-76 एमडीके एयरक्राफ्ट में भारहीनता का अभ्यास भी करना होगा।"

इन चार पायलटों के नाम और पद के बारे में अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई घोषणा नहीं की गई है। एक हफ्ते तक किए गए एक लंबे परीक्षण के बाद अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा इनका चयन किया गया।

इस प्रशिक्षण को रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस की सहायक कंपनी ग्लावकॉसमॉस और इसरो के 'मन स्पेसलाइट सेंटर के बीच एक वाणिज्यिक अनुबंध के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस पर 27 जून, 2019 को हस्ताक्षर किए गए।

इस ट्रेनिंग सेंटर का नाम 12 अप्रैल, 1961 को अंतरिक्ष जाने वाले सबसे पहले व्यक्ति यूरी गागरिन के नाम पर रखा गया है। सोवियत संघ के इस पूर्व वायुसेना पायलट ने वोस्टोक-1 कैप्सूल में बैठकर पृथ्वी की कक्षा का एक पूरा चक्कर लगाया था।

ग्लावकॉसमॉस की ओर से एक बयान में कहा, "विभिन्न जलवायु व भौगोलिक क्षेत्रों में अंतरिक्ष यान के असामान्य लैंडिग होने की अवस्था से संबंधित प्रशिक्षण भी पायलटों को दिए जाएंगे।"

इसरो के अध्यक्ष के. सिवान ने पहले (1 जनवरी) मीडिया को बताया था कि शहर में भारतीय वायुसेना के एविएशन मेडिसिन में इन चारों पायलटों का मेडिकल टेस्ट किया जा रहा है।


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