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'प्रशिक्षित लैब टेक्निशियनों को पैथोलेब खोलने की अनुमति दें'

छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट लागू हो रहा है। लैब टेक्नोलाजिस्ट की हम पात्रता रखते हैं

प्रशिक्षित लैब टेक्निशियनों को पैथोलेब खोलने की अनुमति दें
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट लागू हो रहा है। लैब टेक्नोलाजिस्ट की हम पात्रता रखते हैं। हमारा भी रजिस्ट्रेशन शासन द्वारा किया जाये। ताकि सुदूर अंचलों में लैब चलाने की अनुमति मिले, जिससे आमजन को पैथोलाजी की सुविधा मिल सके।

डक्त बातें छ.ग.प्रदेश चिकित्सा प्रयोगशाला संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकांत तिवारी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि संघ शासन से अपील करता है कि महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में इन मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित तकनिशियनों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जन-जन तक सुलभ पैथोलाजी सुविधाएं मुहैया कराने इन सभी के प्रमाण पत्रों की जांच कर कांउसिल में रजिस्ट्रीकृत कर एम.बी.बी.एस.के मार्गदर्शन में छोटे-छोटे सामान्य लैबों के संचालन के अनुमति करें ताकि सुविधाएं जन-जन तक पहुंचे।

2002 से संचालित पाठ्यक्रम की तरह ही लेकिन पैरामेडिकल विषय डीएसएलटी, बीएमएलटी जो कि भारत शासन के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रदेश शासन से मान्यता प्राप्त संस्थानों विश्वविद्यालयों से एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष अवधि पूर्व कर बेरोजगार प्रशिक्षित टेक्नोलॉजिस्ट एवं तकनिशियन का छ.ग.पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं होने के वजह से बेरोजगारी की मार सह रहे हैं। इस समस्या के निवारण के लिए मुख्यमंत्री से निराकरण कर पंजीयन देने की बात कही गई। लेकिन पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा राजपत्र में अंकित नियमों को दरकिनार करते हुए जो निर्णय लिये गये हैं उसमें केवल उन्हीं का रजिस्ट्रेशन संभव है, जिन्होंने छ.ग.शासन के पैरामेडिकल के प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं।

अन्य भारत शासन अधिन प्रदेश शासन द्वारा इसी मान्यता प्राप्त तकनिशियन जिन्होंने आज से 20 वर्ष पूर्व प्राप्त किया। जिनकी आयु 45 वर्ष हो गई जिसका रजिस्ट्रेशन असंभव दिखाई पड़ रहा है सभी ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन पत्र जमा किये हैं। लेकिन उस पर कार्यवाही न कर केवल उलझा दिया गया है।


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