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मथुरा: बांके बिहारी मंदिर में दर्दनाक हादसा, मंगला आरती के समय उमड़ी भक्तों की भीड़; 2 की मौत व 6 घायल

उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मन्दिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर बीती रात आयोजित मंगला आरती के समय दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई तथा सात अन्य घायल हो गए।

मथुरा: बांके बिहारी मंदिर में दर्दनाक हादसा, मंगला आरती के समय उमड़ी भक्तों की भीड़; 2 की मौत व 6 घायल
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मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मन्दिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर बीती रात आयोजित मंगला आरती के समय दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई तथा सात अन्य घायल हो गए। मृतकों में नोएडा की एक महिला भी शामिल है।

मथुरा के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि मन्दिर में मंगला आरती के दर्शन के दौरान दम घुटने से नोएडा निवासी 55 वर्षीय महिला एवं मध्य प्रदेश में जबलपुर के निवासी 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। चहल ने बताया कि सभी घायलों को तुरन्त प्राथमिक चिकित्सा के बाद अस्पताल भेजा गया। जहां पर उनकी हालत स्थिर बतायी गयी है। ताजा जानकारी के अनुसार पांच मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है, जबकि दो अन्य की तबियत भी अब बेहतर बतायी गयी है।

जिलाधिकारी ने बताया कि बांके बिहारी मन्दिर में साल में एक बार जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्म के बाद रात में मंगला आरती होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। आगरा के मण्डल आयुक्त अमित गुप्ता शीघ्र ही मथुरा पहुंच रहे हैं।

वहीं दुर्घटना के समय मन्दिर में मौजूद सेवायत शशांक गोस्वामी ने बताया कि जन्माष्टमी की रात लगभग पौने दो बजे मंगला आरती के समय तीर्थयात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाने से श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा। इसके बाद मन्दिर में मौजूद पुलिसकर्मी तथा अन्य लोगों ने भीड़ को मन्दिर से बाहर निकाला तथा घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद अस्पताल भेजा गया, लेकिन तब तक एक महिला और एक पुरूष ने दम तोड़ दिया था।

गोस्वामी ने बताया कि यदि प्रशासन ने तुरन्त कार्रवाई न की होती तो मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती थी। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के दौरान मंगला आरती के दर्शन बन्द थे। दो साल बाद मंगला आरती में श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति मिलने के कारण इस साल अचानक श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाने से यह हादसा हुआ है।

उन्होंने बताया कि बांके बिहारी मन्दिर में मंगला आरती वर्ष में केवल एक बार जन्माष्टमी पर ही होती है। ब्रज में कहावत है कि “जो करे मंगला, कभी न रहे कंगला।” इसी कहावत के अनुरूप ही लोग जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मन्दिर की मंगला आरती के दर्शन करते हैं। इसी के कारण इस बार भी श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ गया था।


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