पारंपरिक ज्ञान तार्किक व वैज्ञानिक भी है : निशंक
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को कहा कि यह समय-समय पर साबित हुआ है कि हमारा पारंपरिक ज्ञान न केवल तार्किक है, बल्कि वैज्ञानिक भी है

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को कहा कि यह समय-समय पर साबित हुआ है कि हमारा पारंपरिक ज्ञान न केवल तार्किक है, बल्कि वैज्ञानिक भी है।
उन्होंने नई दिल्ली में 'भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों में अनुसंधान' पर एक बैठक की अध्यक्षता की।
मानव संसाधन विकास मंत्री पोखरियाल ने कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणाली- विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, वास्तुकला, संस्कृति, गणित, चिकित्सा आदि के क्षेत्रों में रही है। यह समय-समय पर साबित हुआ है कि हमारा पारंपरिक ज्ञान न केवल तार्किक है, बल्कि वैज्ञानिक भी है।"
केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, "इस बैठक का उद्देश्य ज्ञान की प्राचीन और आधुनिक विधाओं का समन्वय करके समाज के विकास को सुनिश्चित करना है। हम सभी का मूल लक्ष्य लोक कल्याण है और हमें भारतीय पारंपरिक प्रणाली में अपने शोध की मदद से वर्तमान चुनौतियों से निपटने के तरीके खोजने चाहिए।"
इस अवसर पर पोखरियाल ने कहा, "पारंपरिक ज्ञान के साथ, अनुसंधान के हमारे क्षितिज व्यापक रूप से विकसित होंगे और स्वाभाविक रूप से अधिक नवीन और आविष्कारशील होंगे। हमारे प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं में निहित विचारों के विविध आयाम हैं। वे अनगिनत संभावनाओं को खोलते हैं और कल्पना करने में हमारी मदद करते हैं। वे हमें समाधान खोजने के असंख्य अवसर प्रदान करते हैं।"


