मंडई मेला छग का उत्सवी व भाईचारा का संदेश देने वाला पारम्परिक त्यौहार : कविता
मंडई मेला छत्तीसगढ़ के त्यौहार व उत्सव का एक अभिन्न अंग हैं

बेमेतरा। मंडई मेला छत्तीसगढ़ के त्यौहार व उत्सव का एक अभिन्न अंग हैं। इसे जीवित व बरकरार रखना आवष्यक है क्योकि रिष्ते नातों का मेल मिलाप भाईचारा के साथ परिचय का व्यवहारिक उत्सवी साधन हैं।
ग्राम खंगारपाट में स्व. दीपक वर्मा की स्मृति में खेलावन राम वर्मा के द्वारा निर्मित मां षिवाहनी मंदिर के उद्धघाटन अवसर के मुख्य अतिथि श्रीमती कविता साहू अध्यक्ष जिला पंचायत ने उक्ताषय का विचार प्रकर करने कहा कि यहां प्रतिवर्ष मेला का उत्सवी आयोजन किया जाता है। श्रीमती साहू ने मेला अवसर पर अखाड़ा प्रदर्षन की प्रषंसा करते छगत्तीसढ़ की इस परम्परा को जीवित व कायम रखने कहा।
कार्यक्रम के अतिथि व जिला कांग्रेस समिति अध्यक्ष आषीष छाबड़ा ने उपस्थित लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें देते कहा कि अन्य देष की तुलना में हमारे भारत देष का गणतंत्र निष्चित रूप से काफी अच्छा व अनुकरणीय हैं। जहां नागरिकों का विषेष मौलिक अधिकार का प्रावधान किया गया हैं। हम सभी को देष प्रेम, राष्ट्रीय गुण व चरित्र के साथ निष्ठा व ईमानदारी से इसका निर्वहन भी करना चाहिये। हमारा कर्तव्य है कि गांव के विकास, शांति व खुषहाली क लिऐ एक अच्छे नागरिक होने की भलीभांति परिचय दें। निर्मित मां षिवाहनी मंदिर को नमन करता हूं।
आपसी समरसता व भाईचारा निभाने हमारे छत्तीसगढ़ की पारंपरिक मंडई, मेला एक अच्छा साधन है। जिसे प्रतिवर्ष दुगने उत्साह के साथ एक होकर आयोजित करना चाहिये। श्री छाबड़ा ने कहा कि हमारा भारत देष एक कृषि प्रधान देष है जो प्रमुख रूप से कृषि पर आधारित हैं। बावजूद वर्तमान सरकार किसानों के अधिकार का हनन कर रही हैं।
खराब फसल हेतु क्षतिपूर्ति व उपज के सही लाभ से किसान वंचित व हताष हैं। किसानों को अपने वाजिब अधिकार के लिये लड़ाई लड़ने का अवसर आ गया हैं। देष नागरिक होने फर्ज बनता हैं कि हम ऐसे सरकार का चुनाव करे जो न सिर्फ हमारी बात सुने बल्कि उसका समाधान कर हमारे सुख-दुख का साथी बने।
कार्यक्रम को जिला पंचायत सदस्य लिखेष्वरी धीवर, बेरला कांग्रेस विकासखंड के कांग्रेस अध्यक्ष रामेष्वर देवांगन ने संबोधित कर कहा कि किसान जहां सूखे की मार से प्रताड़ित हैं, वहीं व्यापारी भी जी एस टी की चपेट से परेषान हैं। किसानों के खेत खलिहान में आग से नुकसान होने पर शासन क्षतिपूर्ति नहीं देती। आत्महत्या करने वाले किसान भाईयों के परिवार को कोई शासकीय सहायता नही मिलती जबकि साधन संपन्न उद्योगपतियों को अनेक लाभ देती हैं। पिछले चौदह साल से ऐसी वाहवाही लुटने वाली सरकार से छुटकारा पाने कुछ महिना ही शेष बचा हैं।
स्रपंच ग्राम खंगारपार श्रीमती देवी परगनिहा ने उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापन करते ग्राम की समस्या का उल्लेख करते हुये। गांव में सामुदायिक भवन व निर्मला घाट की मांग रखी। मंच संचालन सुन्दर लाल ने किया। इस अवसर पर अनिल वर्मा, कुषाल नायक, राकेष वर्मा, खेदूराम निषाद, प्रेमलाल यादव, ताराचंद पारकर, विष्णु, विक्की, राजेष, मंषा यादव, छन्नू यादव, कन्हैया, जानवी वर्मा, लता निषाद पूनाराम, गोपाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।


