बस्ती पर कब्जे के लिए भाजपा, बसपा और सपा में लड़ाई
बस्ती ! दलित और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य उत्तर प्रदेश के बस्ती की पांच विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूखा खत्म करने के लिये जी तोड़ मेहनत कर रही है

बस्ती ! दलित और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य उत्तर प्रदेश के बस्ती की पांच विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूखा खत्म करने के लिये जी तोड़ मेहनत कर रही है वहीं बसपा और सपा के सामने अपना-अपना किला बचाने की कड़ी चुनौती है। राज्य विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में यहां 27 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद भाजपा के घोषणापत्र में गरीब, किसान और महिलाओं के लिए लोकलुभावन वायदे का आंशिक असर यहां देखा जा रहा है। क्षेत्रीय समस्यायों के अलावा जातिपात के नाम पर बंटने वाले मतदाता का रूझान भाजपा की ओर है और यही कारण है कि पांचों सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। वर्ष 2012 में यहां बसपा और सपा ने दो-दो सीटों पर कब्जा किया था जबकि एक सीट पर कांग्रेस को विजय हासिल हुयी थी। मौजूदा चुनाव में सपा के पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंंह एक बार फिर मैदान में है वहीं सपा सरकार में राज्य मंत्री रामकरण आर्य महादेवा (सु) से किस्मत आजमा रहे हैं। जिले के पांचों विधानसभा में कुल 18 लाख 10 हजार 136 मतदाता हैं जो 58 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
बस्ती सदर पर बसपा की मजबूत पकड़
बस्ती सदर विधानसभा सीट पर बसपा की पकड़ मजबूत है और यहां से पिछले दो चुनावों में बसपा का ही विधायक चुना गया है। इस बार बसपा से जितेन्द्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी, भाजपा के महेन्द्र नाथ यादव, सपा के गौरी शंकर सुतपाल मैदान में डटे है। यहां 14 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच माना जा रहा है।
रूधौली सीट बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती
2012 में रूधौली सीट कांग्रेस ने जीती थी लेकिन इस बार कांग्रेसी विधायक संंजय जायसवाल भाजपा के टिकट ताल ठोक रहे हैं। उनका मुकाबला करने के लिये कांग्रेस ने सईद अहमद को मैदान में उतारा है। बसपा की ओर से राजेंद्र कुमार मुकाबले में है। यहां भी 13 उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला कांग्रेस-बसपा व भाजपा के बीच ही माना जा रहा है। लेकिन बाजी कौन मारेगा इसका फैसला 11 मार्च को मतगणना के बाद साफ हो जाएगी।
हर्रैया में सपा-भाजपा के बीच सीधी टक्कर
तीन लाख 68 हजार 278 मतदाताओं वाली हर्रैया विधानसभा सीट पर भाजपा के अजय सिंह, सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी राज किशोर सिंह के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। यहां बसपा सहित कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। राजकिशोर सिंह तीन बार से लगातार यहां चुनाव जीतते आ रहे हैं ऐसे में उनकी राह को रोकने के लिए भाजपा को अतिरिक्त कोशिश करना पड़ रही है।
महादेवा में त्रिकोणीय मुकाबला
महादेवा (सु.) विधानसभा क्षेत्र से बसपा के दूधराम, भाजपा के रवी कुमार सोनकर और सपा के रामकरन आर्य, के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। यहां तीन लाख 40 हजार 535 मतदाता हैं जिसमें एक लाख 85 हजार 715 पुरूष तथा एक लाख 54 हजार 769 महिला मतदाता है।
कप्तानगंज में हैट्रिक की कोशिश में बसपा
जिले के कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से कुल आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। कांग्रेस से कृष्ण किंकर सिंह राना, भाजपा ने चन्द्रप्रकाश शुक्ल, बसपा ने रामप्रसाद चैधरी को मैदान में उतारा है। तीनों प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इस विधानसभा सीट पर पिछले दस वर्षो से बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी विधायक है। मायावती सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।


