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अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं का होगा विकास : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण के साथ पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बुनियादी पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जायेगा

अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं का होगा विकास : योगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण के साथ पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बुनियादी पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जायेगा।

श्री योगी ने गुरूवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अयोध्या मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि अयोध्या मण्डल में पर्यटन विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण के साथ पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी। इसे ध्यान में रखते हुए बुनियादी पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाए। इसके लिए पर्यटन विभाग कार्यों को आगे बढ़ाए।

उन्होने कहा कि सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बरते जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने विकास की गति को और तेज किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लम्बित प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृत किया जाए। सभी विकास कार्यों के साथ जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में कार्य के पूर्ण होने पर लागत में कमी आती है और जनता को विकास योजनाओं का समय से लाभ मिलता है।

श्री योगी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों तथा ग्राम सचिवालय का निर्माण कराया जाए। ग्राम सचिवालय को आप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा। आनलाइन सुविधा उपलब्ध होने से सुशासन को बल मिलेगा और ग्राम स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने गांवों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में गोवंश के लिए चारे की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।

उन्होने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन आवश्यक है। इसके लिए टीम गठित की जाए। टाइम लाइन के अनुसार विकास कार्य पूरे किए जाएं। जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी पटल पर तीन दिन से अधिक पत्रावली लम्बित न रहे। विभागीय मुख्यालय समेत अधीनस्थ कार्यालयों में पत्रावलियां सात दिन से अधिक लम्बित न रहें।


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