फोनपे से कुल वार्षिक भुगतान एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा
भारत के अग्रणी डिजिटल भुगतान मंच फोनपे ने रविवार को बताया कि उसने एक ट्रिलियन यानी एक लाख करोड़ डॉलर (84 लाख करोड़ रुपये) के वार्षिक टीपीवी (कुल भुगतान मूल्य) का रिकार्ड हासिल कर लिया है

बेंगलुरु। भारत के अग्रणी डिजिटल भुगतान मंच फोनपे ने रविवार को बताया कि उसने एक ट्रिलियन यानी एक लाख करोड़ डॉलर (84 लाख करोड़ रुपये) के वार्षिक टीपीवी (कुल भुगतान मूल्य) का रिकार्ड हासिल कर लिया है।
कंपनी एक विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि वह भुगतान प्रणाली एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) खंड में सबसे बड़ी भूमिका में है और इस खंड में उसकी हिस्सेदारी आधे से अधिक है। कंपनी ने कहा है कि वह देश के 99 प्रतिशत पिन कोड क्षेत्रों में काम कर रही है तथा 3.5 करोड़ से अधिक ऑफ़लाइन व्यापारियों को सफलतापूर्वक डिजिटाइज़ किया है।
फोनपे बीमा और धन प्रबंधन जैसे नए व्यवसाय में भी महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है। फोनपे ने यह भी घोषणा की कि उसे आरबीआई से अपने पीए (भुगतान संयोजक)के लाइसेंस के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी कंपनी को अपने सरलीकृत भुगतान समाधानों का विस्तार करने और देश के लाखों छोटे व्यवसायों और एसएमई के लिए डिजिटल समावेशन को सक्षम बनाने में मदद करेगी।
फोनपे में उपभोक्ता व्यवसाय की प्रमुख सोनिका चंद्रा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा, "तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय लेनदेन सुनिश्चित करते हुए ग्राहक अनुभव को सरल बनाने पर हमारा ध्यान केंद्रित करने से हमें विश्वास जीतने में मदद मिली है।" उन्होंने कहा, "हम भारतीयों के लिए अधिक से अधिक वित्तीय समावेशन को सक्षम करने के लिए यूपीआई लाइट, यूपीआई अंतर्राष्ट्रीय और यूपीआई पर क्रेडिट जैसी पेशकशों के साथ भारत में यूपीआई भुगतानों के विकास की अगली लहर को गति देने को तत्पर हैं।'
फोनपे मंच दिसंबर 2015 में शुरु हुआ था और यह उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए डिजिटल लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है और अपने साथ 45 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के जुड़े होने का दावा करता है।


