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चिरागों की दुकान

चिरागों की दुकान

- प्रभाकर गुप्त सत्रहवीं सदी के सूफी संत शेख-पीर सत्तार जिनकी दरगाह मेरठ में है, एक किस्सा सुनाया करते थे. एक रात किसी सूनी गली में दो राहगीर मिले....

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