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कभी पंछी बनकर कभी सय्याद बनकर
- डॉ लोक सेतिया कभी श्याम बनके कभी घनश्याम बनके कान्हा चले आते हैं राधा नाम बनके। मुझे ये भजन समझ नहीं आया। नेता जी कभी गंगा जाकर गंगादास बन जाते हैं...

- डॉ लोक सेतिया कभी श्याम बनके कभी घनश्याम बनके कान्हा चले आते हैं राधा नाम बनके। मुझे ये भजन समझ नहीं आया। नेता जी कभी गंगा जाकर गंगादास बन जाते हैं...