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मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर हुए हमले की निंदा की, बताया सुनियोजित
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए मिर्ची हमले की निंदा की है लेकिन यह भी...
जब जनता का सवाल आता है, तो चुप रहते हैं मनोज तिवारी नई दिल्ली | सार्वजनिक रूप से मुखर रहने वाले उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी राष्ट्रीय राजधानी के अपने साथी सांसदों की तुलना में बीते पांच वर्षो के दौरान संसद में ज्यादातर मौन ही रहे। सात सांसदों में से नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने 16वीं लोकसभा की अधिकतम बहसों में हिस्सा लिया। संसद के रिकॉर्ड में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, मई 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली प्रदेश इकाई के प्रमुख की कमान संभालने के बाद से तिवारी ने केवल नौ बहसों में हिस्सा लिया है, जबकि दिल्ली से अकेली महिला सांसद मीनाक्षी ने अपने सभी समकक्षों के मुकाबले 141 बहसों में भाग लिया है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद उदितराज ने 124 बहसों में हिस्सा लिया, जबकि दक्षिण दिल्ली के रमेश बिधूड़ी 95 बहसों का हिस्सा बने। पूर्वी दिल्ली से सांसद महेश गिरि ने 57, चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने 56 और पश्चिम दिल्ली से प्रवेश साहिब सिंह ने 25 बहसों में हिस्सा लिया। प्रवेश इस सूची में नीचे से दूसरे स्थान पर हैं। बहस में हिस्सा लेने के अलावा सांसदों ने सवाल भी उठाए। लोकसभा में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और महाराष्ट्र से मैट्रिक पास नेता गिरि 446 सवालों के साथ सूची में सबसे ऊपर हैं। मीनाक्षी लेखी 436 सवालों के साथ सूची में दूसरे स्थान पर हैं, हालांकि उन्होंने शहर से संबंधित सवाल नहीं पूछे। वहीं 124 बहसों में भाग लेने वाले नेता उदितराज ने 350 सवाल पूछे। तिवारी 258 सवालों के साथ चौथे स्थान पर हैं, जबकि पश्चिम दिल्ली से सांसद साहिब सिंह ने 207 सवाल पूछे। उनके अलावा बिधूड़ी ने 95 बहसों में हिस्सा लिया और 188 सवाल पूछे। दिल्ली में सभी संसदीय सीटों पर काबिज भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा अब तक नहीं की है। जब जनता का सवाल आता है, तो चुप रहते हैं मनोज तिवारी
नई दिल्ली | सार्वजनिक रूप से मुखर रहने वाले उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी राष्ट्रीय राजधानी के अपने साथी सांसदों की तुलना में बीते पांच वर्षो के दौरान संसद में ज्यादातर मौन ही रहे। ...












