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कागजो में टॉयलेट, मौके पर कुछ नहीं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता को स्वच्छ भारत अभियान के तहत जोड़ने तथा स्वच्छता के प्रति काम करने के लिए जोरशोर से प्रचार किया जा रहा

कागजो में टॉयलेट, मौके पर कुछ नहीं
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ठेकेदार का गड़बड़झाला, पीड़ितों ने थाने में की शिकायत, निगम अधिकारी जांच की बात कह रहे

रायगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता को स्वच्छ भारत अभियान के तहत जोड़ने तथा स्वच्छता के प्रति काम करने के लिए जोरशोर से प्रचार किया जा रहा है। साथ ही साथ खुले में शौच के मामले में भी घर-घर में टॉयलेट बनाने के लिए एक अभियान छेड़ा गया है, लेकिन यह अभियान कई इलाकों में कमाई का जरिया बन गया है। अकेले रायगढ़ नगर पालिक निगम में एक करोड़ रुपए के टॉयलेट कागजो में बना कर उसकी राशि निकाल ली गई और अब निगम अधिकारी इसकी जांच की बात कह रहे हैं। वहीं जिन घरो में टॉयलेट बना है, वे राशि के लिए भटक रहे हैं।

सूचना के अधिकार के तहत टॉयलेट गड़बड़ी का एक बड़ा खुलासा सामने आया है। जिसमें ठेकेदार संजय अग्रवाल ने कागजो में टॉयलेट बनाकर सरकारी राशि की गड़बड़ी कर दी है। रायगढ़ नगर निगम के वार्ड नंबर 35, 36 में टॉयलेट बनाने के नाम पर निगम से बकायदा एक करोड़ की राशि आहरित कर ली गई और ठेकेदार संजय अग्रवाल ने इस राशि को निकालने के बाद निगम को एक सूची सौंप दी। जिसमें इन्होंने लगभग सौ टॉयलेट बनाने की जानकारी दी है। मजे की बात यह है कि इन दोनों वार्डों में जो घरा के भीतर या बाहर टॉयलेट बना है, वे संबंधित घर के मालिकों के द्वारा अपने रुपए से बनाया गया है। जबकि ठेकेदार ने इन्हीं टॉयलेटों के नाम से राशि निकाल भी ली है। पीड़ित बताते हैं कि खुद के रुपए से बनाए गए टॉयलेटों की रकम निगम से नहीं मिला है। कई टॉयलेट तो ऐसे हैं, जो बने ही नहीं हैं। उनकी राशि आहरित कर ली गई और अब इनके नाम से थाने में शिकायत की गई है। बहरहाल स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच बंद करने के नाम पर वार्डों में बनाए गए टॉयलेट घोटाले से यह बात साफ हो जाती है कि अधिकारी व ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ो के घोटाले हो रहे हैं और जांच के नाम पर लीपापोती का दौर जारी है। इस मामले में महापौर मधुबाई चौहान का कहना था कि अगर इस बात का खुलासा हुआ है कि टॉयलेट कागजो में बना है और सरकारी राशि का दुर्पयोग हुआ है, तो इस मामले में ठेकेदार के उपर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं नगर पालिक निगम आयुक्त विनोद पाण्डेय का कहना था कि जूटमिल क्षेत्र में वार्ड नंबर 35, 36 में बनाए गए टॉयलेटों की राशि निकालने के नाम पर गड़बड़ी हुई है। जिसकी जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नहीं बनाया टॉयलेट
आरटीआई कार्यकर्ता नवरत्न शर्मा ने बताया कि टॉयलेट बनाने के नाम पर ठेकेदार संजय सिंह का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता बताते हैं कि जूटमिल क्षेत्र के दो वार्डों में ही करीब सौ टॉयलेट बनाने के नाम पर राशि निकाल ली गई और वे टॉयलेट ठेकेदार ने बनाया ही नहीं।
नहीं हो सकी रिपोर्ट दर्ज
वार्ड नंबर 31 में निवासरत आरती शर्मा पति ओमप्रकाश शर्मा ने तो बकायदा टॉयलेट चोरी होने का एक आवेदन बना कर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जूटमिल चौकी पहुंची थी। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि जब रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे, तब पुलिसकर्मियों ने यह कह कर वापस लौटा दिया कि सभी हितग्राही कलेक्टर के पास एक ओवदन दे और वहां से आदेश होने के बाद 420 का अपराध कायम किया जाएगा।
क्या कहते है वार्डवासी
इस संबंध में हमारे संवाददाता के द्वारा कुछ वार्डवासियों से चर्चा की गई तो सुनिता सिंह का कहना था कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जो शौचालय में घर पर बनाया गया है। वह विगत एक वर्ष से अपूर्ण है। इसकी जानकारी मैंने मौखिक रूप से वार्ड पार्षद व संबंधित ठेकेदार से की है। इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं आरती शर्मा का कहना था कि मेरे घर में जो शौचालय का निर्माण कराया गया गया है। इसका बिल भुगतान भी ठेकेदार द्वारा नगर निगम से करवा लिया गया है, तो टॉयलेट मेरे घर में नहीं है। इससे मुझे लगता है कि ठेकेदार द्वारा बनाया गया वह टॉयलेट चोरी हो गया है।


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