बाल मित्र पंचायत की अवधारणा पर आज कार्यशाला
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वज्ञक्रा आयोग के स्थापना दिवस 17 जून को प्रात: 10 बजे से न्यू सर्किट हाऊस.....
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वज्ञक्रा आयोग के स्थापना दिवस 17 जून को प्रात: 10 बजे से न्यू सर्किट हाऊस, सिविल लाइन्स रायपुर में सुरक्षित बचपन कार्यक्रम बालमित्र पंचायत की अवधारण विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम श्रीमती रमशीला साहू मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य आतिथ्य में होना प्रस्तावित है। कार्यशाला में राज्य के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत संस्थााएं एवं व्यक्ति, दिव्यांग बच्चों के लिए कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं प्रत्येक जिले से पुलिस विभाग द्वारा बनाए गए जिला बालमित्र दल व थाने स्तर पर गठित बालमित्र दल के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। कार्यशाला में प्रत्येक जिले से बाल अधिकार संरक्षण क्षेत्र उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति-संस्था एवं बालमित्र दल के सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। सम्मान हेतु प्रविष्टि जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से मांगी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त निर्देश व छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर बालमित्र पंचायत बनाने की प्रक्रिया बिलासपुर जिले की तखतपुर जनपद पंचायत से प्रारंभ की गई। आज तखतपुर जनपद पंचायत की 117 ग्राम पंचायतों के 175 ग्रामों में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन हो चुका है। इन 175 ग्रामों में बालमित्र गांव की परिकल्पना के 23 बिन्दुओं के पालन का संकल्प लिया गया है। ये 23 बिन्दु बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए है, जिसमें मुख्य है ग्राम सभा में बाल अधिकार संरक्षण के एजेण्डा को शामिल करना, बच्चों का पंजीयन, संस्थागत प्रसव, भ्रूण हत्या नहीं करना, बालका भेदभाव न करना, बाल विवाह नहीं करना, सम्पूर्ण टीकाकरण, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं शाला में बच्चों का शत प्रतिशत प्रवेश, स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, बाल श्रम एवं बाल भिक्षवृत्ति न हो, बाल व्यापार एवं लैंगिक शोषण न हो, बच्चे नशे की प्रवृत्ति न हो, दिव्यांग बच्चों हेतु आवश्यक व्यवस्था, बच्चों के खेलने एवं मनोरंजन आदि की व्यवस्था शामिल है।
आयोग की पहल एवं आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती शताब्दी सुबोध पाण्डे के मार्गदर्शन में जनपद पंचायत तखतपुर जिला बिलासपुर के अध्यक्ष श्रीमती नूरीता प्रदीप कौशिक एवं आयोग के पूर्व सदस्य प्रदीप कुमार कौशिक द्वारा चुनौती के रूप में लिया एवं जनपद पंचायत तखतपुर एवं सभी ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से 1 वर्ष की अवधि के भतर ही संपूर्ण जनपद पंचायत के सभी ग्राम पंचायतों को बालमित्र पंचायतों के रूप में विकसित किया गया। इस प्रकार उल्लेखनीय कार्य करने वाली संपूर्ण देश की पहली जनपद पंचायत के रूप में तखतपुर जनपद पंचायत ने पहचान कायम की है। इस कार्य में आयोग के पूर्व सदस्यों शरद श्रीवास्तव, रमेश कुमार राजपूत, प्रदीप कुमार कौशिक, परमानंद देशमुख, श्रीमती उमाभारती सराफ तथा वर्तमान कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. सिमी श्रीवास्तव की सराहनीय भूमिका रही।
आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. सिमी श्रीवास्तव द्वारा जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्ष्ज्ञण आयोग व भारत सरकार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 5 जून को बालमित्र पंचायत की अवधारणा के साथ सुरक्षित बचपन कार्यक्रम की लांचिन्ग की गई है। प्रथम चरण में यह कार्यक्रम देश के 14 राज्यों में संचालित किया जाना है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य शामिल है। छत्तीसगढ़ राज्य में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती शताब्दी सुबोध पाण्डे के सुदृढ़ मार्गदर्शन एवं पहल पर बिलासपुर जिले की तखतपुर जनपद पंचायत को बालमित्र जनपद के रूप में विकसित करने में सफलता मिली है। 5 जून को श्रीमती शताब्दी सुबोध पाण्डे द्वारा राज्य बालमित्र जनपद बनाने हेतु की गई कार्रवाई एवं प्राप्त सुखद परिणामों का प्रस्तुतिकरण किया गया, जिसे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, देश के 14 राज्यों के आयोग के अध्यक्ष, सदस्यगण एवं उपस्थित स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा सराहा गया। साथ ही कार्यक्रम में शामिल राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा तखतपुर जनपद में हुए कार्यों को देखने की इच्छा व्यक्त की गई। इसी कड़ी में गुजरात राज्य के प्रतिनिधि इसी माह राज्य के दौरे पर आ रहे है जो तखतपुर जनपद में हुए बालमित्र पंचायत के कार्यों का अवलोकन करेंगे।


