आज छत्तीसगढ़ के 40 प्रतिशत वन सुरक्षित हैं सिर्फ आदिवासियों की वजह से
बिलासपुर ! हम गौरव के साथ कह सकते है कि प्रकृति को बचाने का काम आदिवासियों ने किया है। इसीलिए आज हमारे प्रदेश में 40 प्रतिशत वन सुरक्षित हैं।

कंवर समाज के सामुदायिक भवन का अमर अग्रवाल ने किया उद्घाटन
बिलासपुर ! हम गौरव के साथ कह सकते है कि प्रकृति को बचाने का काम आदिवासियों ने किया है। इसीलिए आज हमारे प्रदेश में 40 प्रतिशत वन सुरक्षित हैं। क्योंकि आदिवासी संस्कृति जल-जंगल और जमीन से जुड़ी है। यदि कोई समाज निच्छल और निष्कपट है तो वह कंवर आदिवासी समाज है। उक्त विचार नगरीय प्रशासन, उद्योग एवं वाणिज्यिककर मंत्री अमर अग्रवाल ने आज कंवर आदिवासी समाज के सामुदायिक भवन के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि कंवर समाज के लोग राजनीति एवं अच्छे-अच्छे पदों में पदस्थ रहे हैं। परन्तु वे अभी भी सहज-सरल हैं। क्योंकि उन्होंने अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ा है। जो समाज अपनी अतीत की विरासत को भूल जाता है। वह कभी जीवंत नहीं रह सकता। कंवर समाज में मुनष्यता का सही स्वरूप विद्यमान है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सामुदायिक भवन के उद्घाटन में जो खुशी देखने को मिलती है। वह बड़े-बड़े उद्घाटन में भी देखने को नहीं मिलती। क्योंकि सामुदायिक भवन में सामाजिक भावना जुड़ी होती है। इस कार्यक्रम में म.प्र. के भोपाल-जबलपुर से भी लोग शामिल हुए हैं। समाज हमारी आत्मा है। सामाजिक व्यवस्था हमारे देश में ही देखने को मिलती है। हमारी प्रवृत्ति सामाजिक हैं, इसके बिना हम नहीं रह सकते। समाज और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। श्री अग्रवाल ने कंवर समाज की मांग पर सामुदायिक भवन के द्वितीय तल के लिए भी प्रयास करने की बात कही।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कंवर समाज के संरक्षक सेवानिवृत्त कमिश्नर एवं लोक सेवा आयोग के सदस्य एम.एस. पैंकरा ने स्वागत भाषण देते हुए सामाजिक स्थितियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कंवर समाज का मुख्य व्यवसाय कृषि है। शैक्षणिक दृष्टि से भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। पैंकरा ने कंवर समाज के मांग को अवगत कराते हुए मांग पत्र सौंपा। कार्यक्रम के दौरान युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन, प्रतिभावान बच्चों का सम्मान एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महापौर किशोर राय, कंवर समाज के संरक्षक जे.एल. पैंकरा, जबलपुर म.प्र. से सेवानिवृत्त कलेक्टर एम.एस. पटेल, बिलासपुर कंवर समाज के अध्यक्ष पी.एस. भगत, उपायुक्त वाणिज्यिककर आर.एन.साय, एस.डी.एम. के.एस.पैकरा, मोहित राम कुरूवंशी, डॉ. पुरूषोत्तम सिंह, कुंज विहारी, ईश्वर सिंह, लखन पैंकरा, निरंजन सिंह, समाज के महिला पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायल्टी में वृद्धि, अवैध उत्खनन के विरोध में क्रेशर संचालकों ने रखी समस्या
रायल्टी में वृद्धि बाहरी कंपनियों द्वारा टीपी के नाम पर अवैध उत्खनन किए जाने एवं मनमानी वसूली को लेकर अकलतरा के 200 से अधिक क्रेशर बंद पड़े हैं। एक फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। के्रशर मालिक संजय छापरिया के नेतृत्व में अकलतरा तथा जांजगीर चांपा के गिट्टी खदान मालिक आज नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल से मिले तथा अपनी समस्याएं गिनाई।
खनिज उत्खनन के मामले में केन्द्र व राज्य सरकार की नई नीति को लागू करने के बाद प्रदेश में गिट्टी उत्खनन करने वाले खदान मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संजय छापरिया ने बताया कि दूसरे राज्यों से आकर प्रदेश में सडक़ व भवन निर्माण करने वाली बड़ी कंपनियों को राज्य सरकार ने गिट्टी उत्खनन की छूट दे रखी है। बाहरी कंपनियों द्वारा अकलतरा समेत कई जिलों में सडक़ों का निर्माण किया जा रहा है।
करोड़ों की सडक़ बनाने वाली कंपनी आसपास के गांवों में जहां पर गिट्टी खदान है वहां सडक़ किनारे अवैध उत्खनन कर सडक़ का निर्माण कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद प्रदेश में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। सडक़ों का जाल बिछ रहा है। लेकिन बाहर की कंपनी स्थानीय क्रशर से खरीददारी नहीं कर रही है और तो और सरकार द्वारा टीपी के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी लगाने के बाद क्रेशर मालिकों को सौ गुना अधिक स्टाम ड्यूटी देना होगा। जिससे खदान मालिकों में आक्रोश है। आज संजय छापरिया, दीपक सिंघानिया, मुकेश कुमार, श्याम, अजय, सुदीप समेत अनेक क्रशर मालिक नगरी प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल से मिले तथा स्टांप ड्यूटी में बढ़ोतरी पर विरोध जताया। संजय छापरिया का कहना है कि बढ़ी हुई स्टाम्प ड्यूटी को लेकर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह से प्रतिनिधि मंडल मिला था लेकिन सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। अब परेशान होकर अकलतरा के 200 क्रशर बंद होने के कगार पर हैं। राज्य सरकार की नई नीति बढ़े हुए रायल्टी के विरोध में 1 फरवरी से यहां के क्रशर बंद कर दिए गए हैं।


