लोकतंत्र का भला सच कहने में : शिवराज
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। इसे पक्ष-प्रतिपक्ष के संकीर्ण मायनों से मुक्त रखा जाना चाहिए। जो सच है उसे ही कहना चाहिए

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन की उपस्थिति में मध्यप्रदेश विधानसभा के दस महिला एवं पुरूष विधायकों को पाँच श्रेणियों में संसदीय सम्मान से आज विधानसभा के मानसरोवर सभागार में सम्मानित किया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट मंत्री श्रेणी का सम्मान वित्त मंत्री जयंत मलैया को प्रदान किया गया। सम्मानित होने वाले विधायकों में गोविंद सिंह, सुश्री ऊषा चौधरी, यशपाल सिंह सिसोदिया, सुश्री शीला त्यागी, मुरलीधर पाटीदार, सुश्री ममता मीना, सुखेन्द्र सिंह, सुश्री हिना लिखीराम कांवरे और कार्यक्रम में अनुपस्थित विधायक सुंदरलाल तिवारी शामिल हैं। उन्हें शॉल, सम्मान-पट्टिका और पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायकगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। इसे पक्ष-प्रतिपक्ष के संकीर्ण मायनों से मुक्त रखा जाना चाहिए। जो सच है उसे ही कहना चाहिए। इसी में देश समाज और लोकतंत्र का भला है। राजनेता के जीवन का एकपक्ष ही समाज के समक्ष रखा जाता है। उसका कार्य के प्रति समर्पण और घनघोर परिश्रम का मूल्यांकन नहीं किया जाता है।
विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि जागरूकता परिवर्तन लाती है। जनता को जागरूक और जनप्रतिनिधियों को जबावदेही बनाने में पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण है। उसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। संविधान में तीन स्तंभों के कार्यों और शक्तियों का उल्लेख है। चौथे स्तंभ को अनुच्छेद 19 में ही छोड़ दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों ने इसे बहुत ताकतवर बनाया है। ताकत के साथ उत्तरदायित्व भी आता है। उन्होंने इस दिशा में चिंतन किये जाने की प्रासंगिकता बताई।
विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जो समाज आगे बढ़ना चाहता है, उसे उत्कृष्टता का सम्मान करते रहना चाहिए।


