डूबते राजवंश को बचाने के लिए और कितने झूठ : जेटली
केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी एक वंश के चंगुल में फंस गई है

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी एक वंश के चंगुल में फंस गई है और इसके नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे इस वंश को सही-गलत के बारे में बता सके।
श्री जेटली ने ब्लॉग लिखकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर एक डूबते राजवंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलने पड़ेंगे। दुनिया भर के ज्यादातर लोकतंत्रों में जो लोग झूठ के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, अंतत: वे खुद सामाजिक जीवन से गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश में भारत में भी ऐसा ही होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अाधुनिक दुनिया में जितने भी राजनीतिक वंश हैं, उनकी कुछ सीमाएं हैं। अाकांक्षी समाज अब इस तरह की व्यवस्था को पसंद नहीं करता है। आज लोग जवाबदेही और परफॉर्मेंस पर भरोसा रखते हैं लेकिन दुख की बात है कि भारत की सबसे पुरानी पार्टी एक वंश के चंगुल में फंस गई है। इसके नेताओं में इतनी भी हिम्मत नहीं है कि वे इस वंश को सही-गलत के बारे में बता सकें। इस परंपरा की शुरुआत वर्ष 1970 में हुई थी और अापातकाल के दौरान यह चरम पर था। नेताओं की चाकरी करने की मानसिकता ने उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि उन्हें सिर्फ एक ही परिवार के गुण गाने हैं। जब यह वंश झूठ बोलता है तो बाकी नेता भी उनके साथ वैसा ही करने लगते हैं।
श्री जेटली ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर एक डूबते वंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलने पड़ेंगे। उन्होंने महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि झूठ का संक्रामक प्रभाव काफी बड़ा है। 'महाझूठबंधन' के उनके साथियों में भी यह अब दिखने लगा है। राफेल सौदे में जहां हजारों करोड़ रुपये बचाए गए हैं, सरकार को बदनाम करने के लिए रोजाना नये झूठ गढ़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ताजा झूठ राफेल के संबंध में संसद में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट को लेकर फैलाया जा रहा है। वर्तमान कैग 2014-15 आर्थिक मामलों के सचिव थे। उस समय सबसे वरिष्ठ अधिकारी होने की वजह वह वित्त सचिव भी थे और राफेल से संबंधित कोई भी फाइल उस सयम उनके पास नहीं पहुंची थी। कुछ वंशवादी लोग और उनके साथियों ने कैग पर हमला बोलने से पहले उच्चतम न्यायालय पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि एक अखबार में छपी झूठी रिपोर्ट के आधार पर पूरी प्रक्रिया को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई। आखिर एक डूबते वंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से इससे अच्छे का हकदार है।


