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भूजल बचाने के लिए पानी का दुरुपयोग रोकना होगा : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां आज कहा कि पानी का दुरुपयोग रोकना होगा।

भूजल बचाने के लिए पानी का दुरुपयोग रोकना होगा : नीतीश
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पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां आज कहा कि पानी का दुरुपयोग रोकना होगा। अगर दुरुपयोग रोका न गया, तो एक दिन भूजल समाप्त हो जाएगा। उन्होंने भूजल बचाने के लिए पेड़ लगाने की बात पर भी जोर दिया। पटना के ज्ञान भवन में जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार राज्य में हरित आवरण बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, अभी तक 19 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जल-जीवन-हरियाली अभियान पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य के सभी जिलों, प्रखंडों और पंचायत स्तर पर कम-से-कम एक योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि आज 2391 योजनाओं का उद्घाटन और 1359 करोड़ रुपये लागत की 32,781 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक कुएं का जीर्णोद्धार किया जाएगा तथा सार्वजनिक स्थल के चापाकलों को ठीक कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा मंत्री नंद किशोर यादव, श्रवण कुमार व सांसद रामकृपाल यादव समेत कई लोग मौजूद थे।

मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से मुकाबले के लिए अगले साल एक दिन में 2़51 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे तथा इसके लिए 5 करोड़ पौधों की नर्सरी विकसित की जा रही है। अभियान के तहत अगले तीन वर्षो में खर्च होने वाले कुल 24,524 करोड़ रुपये में से वन विभाग 4,092 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

उन्होंने कहा कि नर्सरी और मनरेगा के साथ पौधरोपण पर 2,756 करोड़ रुपये तथा जल संरक्षण के लिए चेक डैम के निर्माण पर 1,326 करोड़ रुपये खर्च किया जाना प्रस्तावित है।

मोदी ने कहा कि अगले तीन वर्षो में 7 करोड़ 70 लाख पौधे लगाकर बिहार के हरित आवरण को समृद्ध किया जाएगा। योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षो (वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22) में प्रतिवर्ष 50 हजार हेक्टेयर वनभूमि में भूजल संरक्षण किया जाएगा। इस साल (2019-20) में 45 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त वनभूमि में भूजल संरक्षण की योजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी।


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