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बिजली संयंत्र बंद करने के विरोध में धरना

पंजाब सरकार के बठिंडा बिजली संयंत्र बंद करने के फैसले के विरोध में धरने पर बैठी कर्मचारी यूनियनों ने किसानों सहित अन्य यूनियनों का समर्थन मिलने के बाद अब एक जनवरी से पक्का धरना लगाने का ऐलान किया है ।

बिजली संयंत्र बंद करने के विरोध में धरना
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बठिंडा। पंजाब सरकार के बठिंडा बिजली संयंत्र बंद करने के फैसले के विरोध में धरने पर बैठी कर्मचारी यूनियनों ने किसानों सहित अन्य यूनियनों का समर्थन मिलने के बाद अब एक जनवरी से पक्का धरना लगाने का ऐलान किया है ।

यह जानकारी संयंत्र के मुलाजिमों की तालमेल कमेटी के प्रधान अश्विनी कुमार ने आज यहां दी । उन्होंने कहा कि संयंत्र बंद किये जाने के विरोध में एक जनवरी से पक्के धरने पर बैठेंगे । धरना वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कार्यालय के बाहर भी लगाया जा सकता है । इस थर्मल प्लांट में कच्चे -पक्के करीब 2300 कर्मचारी काम कर रहे हैं । गत 2012 -14 में इसके नवीनीकरण पर 716 करोड़ खर्च हुये थे । यदि इसे बंद ही करना था तो इनके नवीनीकरण पर लोगों का इतना पैसा खर्च करने की जरूरत क्या थी ।

उन्होंने बताया कि इसमें पैदा होने वाली बिजली की कीमत प्रति यूनिट 2़ 70 पैसे आती है जबकि मनप्रीत बादल लोगों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि इससे पैदा होने वाली बिजली मंहगी पड़ती है ।

कुमार ने कहा कि यदि इन संयंत्र के चारों यूनिट चलते हैं तो बिजली सस्ती पड़ती है तथा एक -एक यूनिट चालू रखा जाये तो बिजली 4़ 75 पैसे प्रति यूनिट पड़ती है । सरकार प्राइवेट संयंत्रों से आठ रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रही है । सोलर प्लांटों से भी सरकार ने जो समझौता किया था उसके अनुसार बिजली 18़ 90 पैसे पड़ती है ।

तालमेल कमेटी के अनुसार यदि सरकार हमें इस संयंत्र को ठेके पर दे तो हम इससे सस्ती बिजली पैदा करके दिखायेंगे लेकिन इसे बंद न करे । कोयला बंद होने से रेेलवे को भी दस करोड़ का घाटा हो रहा है ।

आम आदमी पार्टी ने भी आज फायर ब्रिगेड चाैक पर संयंत्र बंद करने के विरोध में धरना दिया । इससे पहले 25 दिसंबर को अकाली दल ने भी धरना दिया था ।


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