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​​​​​​शहीदों को सच्ची श्रद्धांजिल देने के लिए अपनी सोच को बदलना होगा: आजाद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों को यदि सच्चे मन से श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं तो हमें अपना मन साफ करना होगा और सोच बदलनी होगी

​​​​​​शहीदों को सच्ची श्रद्धांजिल देने के लिए अपनी सोच को बदलना होगा: आजाद
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नयी दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों को यदि सच्चे मन से श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं तो हमें अपना मन साफ करना होगा और सोच बदलनी होगी।

आजाद ने इस आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सदन में शहीदों को श्रद्धांजलि दिये जाने के बाद हुयी चर्चा में भाग लेते हुये कहा कि आज खतरा हमारे सोच से हैं। सोच जब तक हम नहीं बदलेंगे तब तक इस आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती है।

उन्होंने आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि वर्ष 1857 में शुरू हुआ देश का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आगे बढ़ता रहा और आजादी तक लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। इस बीच वर्ष 1942 के इस आंदोलन ने स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के आह्वान पर शुरू हये इस आंदोलन के दौरान पूरे देश में एक भी दंगा नहीं हुआ और हिन्दु मुस्लिम दोनों ये समझ गये थे कि मिलकर लड़ेंगे तभी आजादी हासिल कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन करने और करो या मरो का नारा दिया तथा इसके कुछ ही घंटे में भीतर सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार हो गये। हालांकि कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं ने बाद में कमान संभाला और आंदोलन का दिशा दिया ।


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