भगवान को पाने के लिए तन को तपाना पड़ता हैः शर्मा
भालुकोना चितावर धाम में आयोजित भागवत पुराण के छटवे दिन भगवान श्री कृष्णा की बाल लीला बताते हुए कथा वाचक पंडित सुरेश कुमार शर्मा ने कालिया दाह, कंसवध की कहानियां बताया

खरोरा। भालुकोना चितावर धाम में आयोजित भागवत पुराण के छटवे दिन भगवान श्री कृष्णा की बाल लीला बताते हुए कथा वाचक पंडित सुरेश कुमार शर्मा ने कालिया दाह, कंसवध की कहानियां बताया। उन्होंने श्रोताओं को बताते हुए कहा कि आज भगवान को पाने के लिए तन को सुखाना पड़ेगा।अर्थात बगैर कड़ी भक्ति के भगवान का मिलना संभव नही है। मन को भगवान के प्रति लगाने मात्र से भगवान नही मिलता।।
उन्होंने कृष्ण की बाल लीला की कहानी बताते हुए कालिया नाग की कहानी बताया कि बेद शिला को श्राप के कारण कालिया नाग की रूप अवतरित हुआ था। जो गरूड़ की डर में कालिया धाम पर यह कालिया नाग छुपा बैठा था। श्राप के कारण गरुड़ कालिया धाम पर नहीं जा सकता था। इसलिए कालिया नाग वहाँ सुरक्षित था। कहानी के द्वारा बताया गया कि जो भी प्राणी की छाया इस कालिया धाम में पड़ती है उसकी मृत्यु निश्चित होती है। कालिया नाग की विष के ही कारण आज नीला कमल तालाबों पर खिला है।
कृष्णा की बाल लीला देखने के लिए गोपिया कृष्ण को छाछ की लालच देकर खूब नचाते थे।इसके के लिए गोपियां कई उपाय करते थे दही लूट माखन चोरी जैसे विभिन्न कार्यक्रमो में ग्वालों के साथ शामिल होते थे। जहाँ भगवान को दही लूटने में भारी आनंद आते थे। आयोजित भागवत कथा का रस पान करने हिरमी, मोहरा सहित आसपास गाँवो की ग्रमीण बच्चे,बुढ़े, जवान भारी की संख्या में सम्मिलित होते है।ईस बीच मोहरा सोसायटी अध्यक्ष ललित वर्मा,सनत वर्मा,कार्तिक राम वर्मा,आरके सरसिहा,पूर्व अध्यक्ष बोधराम वर्मा,दयाराम यदु,मंदिर अध्यक्ष दीनबंधु यादव,भूलन पर वानी,हीरालाल वर्मा,देवदत्त वर्मा,व्यस्थापक सुकदेव वर्मा,सहित ग्रामीण महिलाये शामिल थे।।


