तिरुपति मंदिर प्रसादम में मिलावट मामला, पवन खेड़ा बोले- भक्तों की आस्था संग खिलवाड़ स्वीकार नहीं
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की बात सच है, तो इसकी निष्पक्ष जांच हो और इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही उन्होंने इस मसले के तार 'ध्रुवीकरण की साजिश' संग जुड़े होने की आशंका जताई है

नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की बात सच है, तो इसकी निष्पक्ष जांच हो और इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके साथ ही उन्होंने इस मसले के तार 'ध्रुवीकरण की साजिश' संग जुड़े होने की आशंका जताई है।
खेड़ा ने एक्स पर आगे लिखा, “अगर तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में जानवरों के मांस होने के संबंध में किए गए दावे गलत हुए, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि श्रद्धालु और भक्तगण कभी माफ नहीं करेंगे। ऐसा करके भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”
If the claims of desecration of the #TirupatiLaddoos is right, of course a full fledged enquiry must identify the guilty and strictest possible punishment must be meted out BUT, if the claims are wrong or motivated then, millions of devotees of Tirupati will not forgive those…
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 20, 2024
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधाते हुए कहा, “भाजपा चुनावी माौसम के बीच ध्रवीकरण की साजिश के सिद्धांतों को हवा देने में माहिर है।”
बता दें कि राष्ट्रीय विकास बोर्ड के तहत सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फुड लैब की रिपोर्ट में हुए खुलासे में यह बात सामने आई है कि तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस खुलासे ने देश में नई बहस को जन्म दे दिया है।
एनडीडीबी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में जानवरों के मांस की चर्बी और फिश ऑयल का इस्तेमाल किया गया। दावा किया गया है कि यह सबकुछ उस घी में इस्तेमाल किया गया है, जिसका उपयोग प्रसाद बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रसाद का इस्तेमाल ना सिर्फ भगवान को चढ़ाने के लिए किया गया, बल्कि भक्तों के बीच भी इसे बड़े पैमाने पर बांटा गया।


